बलरामपुर @thetarget365 रामानुजगंज पुलिस ने 250 एकड़ शासकीय भूमि फर्जी दस्तावेजों से बेचने के मामले में लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी मोहम्मद याकुब को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पिछले 10 वर्षों से फरार था।
क्या है पूरा मामला?
18 जुलाई 2015 को नायब तहसीलदार कुंजीलाल सिंह ने थाना रामानुजगंज में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि ग्राम इंद्रपुर की 250 एकड़ शासकीय भूमि को आरोपी व्यास मुनी यादव, लालजी यादव और उनके अन्य सहयोगियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने नाम दर्ज कराया और बाद में कोल माइनिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया। मामले की जांच अपर आयुक्त राजस्व सरगुजा अंबिकापुर एवं अपर कलेक्टर रामानुजगंज द्वारा की गई, जिसमें धोखाधड़ी की पुष्टि हुई।
मुख्य आरोपी लंबे समय से था फरार
पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर के निर्देशन में एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्वदीपक त्रिपाठी और अनुविभागीय अधिकारी याकुब मेमन के मार्गदर्शन में आरोपी को गिरफ्तार करने की योजना बनाई गई। घटना के बाद से ही मोहम्मद याकुब फरार चल रहा था। पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि वह अपने घर गढ़वा, झारखंड आया हुआ है। सूचना के आधार पर रामानुजगंज पुलिस टीम ने गढ़वा जाकर आरोपी मोहम्मद याकुब पिता स्व. मोहम्मद वली, 50 वर्ष, निवासी बड़ी जामा मस्जिद गली, ईराकी मोहल्ला, गढ़वा, झारखंड) को हिरासत में लिया और रामानुजगंज लाया गया।
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आरोपी ने कबूल किया अपराध
पूछताछ के दौरान आरोपी मोहम्मद याकुब ने स्वीकार किया कि उसने व्यासमुनी यादव एवं अन्य आरोपियों के साथ मिलकर संगठित गिरोह बनाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और शासकीय भूमि को अवैध रूप से कंपनी को बेच दिया। पर्याप्त सबूतों के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
थाना रामानुजगंज में अपराध क्रमांक 102/2015 के तहत आरोपी पर धारा 420, 467, 468, 471, 120 (B), 34 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस सफल कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक रमाकांत तिवारी, उपनिरीक्षक गजपति मिरें, सहायक उपनिरीक्षक अश्वनी सिंह, प्रधान आरक्षक मायापति सिंह, प्रधान आरक्षक नारायण तिवारी, आरक्षक नागेश्वर और जगमोहन तिर्की की महत्वपूर्ण भूमिका रही।