सूरजपुर @thetarget365 जिले के प्रतापपुर क्षेत्र में एक शिक्षक पर जानलेवा हमला किए जाने का मामला सामने आया है। हमलावरों ने सिलफिली जंगल में घेरकर शिक्षक पर बेरहमी से हमला किया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। हालांकि, इस गंभीर मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि आरोपियों के खिलाफ सिर्फ जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी अनुसार, शिक्षक जीवधन जायसवाल स्कूल में पढ़ाने के बाद अपनी मोटरसाइकिल से प्रतापपुर लौट रहे थे, तभी सिलफिली जंगल में पहले से घात लगाए आरोपियों ने उनका पीछा किया और रास्ता रोककर उन पर हमला कर दिया। हमलावरों ने उन्हें बाइक से गिराने के बाद लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला किया, जिससे उनका एक पैर टूट गया और सिर में गंभीर चोटें आईं। हमलावर जितेंद्र और अनिल शिक्षक की हत्या करने की मंशा से उन पर लगातार वार कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान सड़क से गुजर रहे कुछ लोगों ने बीच-बचाव किया, जिससे उनकी जान बच सकी।
घटना के बाद शिक्षक को प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया। वर्तमान में वे अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
परिवार ने उठाए पुलिस पर सवाल
शिक्षक के रिश्तेदार धर्मपाल जायसवाल ने प्रतापपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मामले को हल्के में लेते हुए केवल जमानती धाराओं में अपराध दर्ज किया है, जबकि शिक्षक की जान लेने की कोशिश की गई थी।
राजनीतिक रंजिश का एंगल
परिजनों का कहना है कि घटना चुनावी रंजिश के कारण हुई है। इसके अलावा, आरोपी अनिल जायसवाल भी एक शिक्षक हैं और जीवधन जायसवाल के साथ उनका पारिवारिक विवाद भी लंबे समय से चला आ रहा है। परिजनों ने आरोपियों के मोबाइल कॉल डिटेल्स की जांच की मांग की है, ताकि यह पता चल सके कि हमले से पहले उन्होंने किससे बातचीत की और यह हमला पूर्व नियोजित साजिश थी या नहीं।
प्रतापपुर थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह ने कहा कि पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, सूरजपुर पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर ने भी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
अब सवाल यह है कि क्या पुलिस इस गंभीर मामले में गैर-जमानती धाराओं में अपराध दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी करेगी, या फिर मामला सिर्फ जांच तक ही सीमित रहेगा? अगर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो यह अपराधियों के हौसले बुलंद करने वाला साबित हो सकता है।