जशपुर @thetarget365 : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। सिटी कोतवाली क्षेत्र के खुला आश्रय गृह में 14 वर्षीय नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 3 दिन पहले वह जशपुर पहुंची और कोतवाली थाने में रेप की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जीरो में मामला दर्ज किया। इसके बाद उसे शेल्टर होम में काउंसलिंग के लिए रखा गया था। लेकिन मंगलवार सुबह 9 बजे उसने आत्महत्या कर ली।
जानकारी अनुसार, मंगलवार को जिला मुख्यालय जशपुर में एक 14 वर्ष की नाबालिग किशोरी ने खुला आश्रय सेंटर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। नाबालिग को दरबारी टोली स्थित खुला आश्रय बालिका गृह में रखा गया था। जहां प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। आस्ता थाना क्षेत्र के दुष्कर्म प्रकरण में पीड़िता को बयान एवं एमएलसी के लिए दरबारी टोली स्थित खुला आश्रय बालिका गृह में रखा गया था।
बाथरुम में लगाई फांसी
पीड़िता ने बालिका गृह के बाथरुम में घटना को अंजाम दिया है। सुबह लगभग 9 बजे सेंटर के ही बाथरूम में ही पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। आत्महत्या करने के कारणों का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। पुलिस मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं इस मामले में पुलिस ने घटना की जानकारी मृतिका के परिजनों को दे दी है। कोतवाली पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। शव पंचनामा व पोस्टमार्टम की कार्यवाही की जा रही है।
बहरहाल मामले में अब तक मामले में सार्वजनिक विकास वाहिनी द्वारा संचालित खुला आश्रय बालिका गृह की लापरवाही को लेकर अब तक न तो किसी जांच की बात सामने नहीं आई है। बताया जा रहा है कि, मृतिका 3 दिन पहले जिला मुयालय में घूमते हुए पाई गई थी। नाबालिग बालिका को अकेले शहर में घूमते हुए पाए जाने पर किसी ने इसकी सूचना सखी सेंटर वालो दे दी थी। जिसके बाद बालिका को काउंसिलिंग के लिए बालिका गृह में ही रखा गया था।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रोहित व्यास ने आश्रय गृह (बालिका) जशपुर के घटना की विस्तृत दण्डाधिकारी जाँच हेतु अनुविभागीय दण्डाधिकारी जशपुर को जाँच अधिकारी नियुक्त कर विभिन्न बिन्दुओं पर जाँच करने के निर्देश दिए गए हैं।
मामले के निष्पक्ष जांच की मांग
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र मे नाबालिक युवती ने बलात्कार के बाद आत्महत्या कर लिया है। क्या यही है विष्णु का सुशासन जहां मासूम युवतियों को आत्महत्या करने को मजबूर होना पड रहा है। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।