मैनपाट@thetarget365 : सरगुजा जिले के मैनपाट विकासखंड के ग्राम पंचायत चैनपुर स्थित सारुजोबा पहाड़ की शासकीय भूमि पर फर्जी पट्टों के मामले में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। वर्ष 2023 में चैनपुर के समस्त ग्रामवासियों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सीतापुर एवं उप तहसील राजापुर कार्यालय में फर्जी पट्टों को लेकर लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी।
इस गंभीर मामले की प्रारंभिक जांच तत्कालीन एसडीएम रवि राही की देखरेख में शुरू हुई थी, लेकिन कथित रूप से कांग्रेस सरकार के समय कुछ स्थानीय नेताओं द्वारा राजस्व अधिकारियों पर दबाव बनाए जाने से जांच की गति धीमी पड़ गई थी। बाद में एसडीएम राही के स्थानांतरण के चलते कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई थी।
हालांकि अब उप तहसील राजापुर के तहसीलदार ने इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुनः जांच प्रारंभ की है। गुरुवार को तहसीलदार ने पटवारी अरविंद एक्का के साथ सारुजोबा पहाड़ पहुंचकर मौके का निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के उपरांत बताया कि शासकीय भूमि पर कब्जा न होने के बावजूद कई लोगों के नाम पर फर्जी तरीके से पट्टे बनाए गए हैं, जो नियम विरुद्ध हैं।
इनके नाम हैं फर्जी पट्टे
बुढ़की उर्फ सुभद्रा यादव निवासी नर्मदापुर, संतोषी यादव निवासी नर्मदापुर, अशोक लकड़ा, रुजबेल लकड़ा, बोहला बखला, अमोश कुजूर, विजय लकड़ा निवासी चैनपुर।
गौरतलब है कि फर्जी पट्टाधारी विजय लकड़ा का निधन हो चुका है।
तहसीलदार ने स्पष्ट किया कि जिन व्यक्तियों को वन अधिकार पट्टा जारी हुआ है, उनके विरुद्ध कार्यवाही संभव नहीं है, लेकिन फर्जी तरीके से वन विभाग की भूमि पर पट्टा दिलवाने के प्रकरण को एसडीएम के माध्यम से वन विभाग को स्थानांतरित किया जाएगा।
ग्रामवासियों की माँग
ग्रामवासियों ने मांग की है न केवल फर्जी पट्टाधारियों, बल्कि उन्हें पट्टा जारी करने में भूमिका निभाने वाले संबंधित अधिकारियों–पटवारी, राजस्व निरीक्षक, वन रक्षक, परिसर रक्षक एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तो आंदोलन किया जाएगा।
तहसीलदार ने दिया आश्वासन
तहसीलदार ने ग्रामवासियों को आश्वासन दिया है कि वे एसडीएम से इस विषय में जल्द कार्यवाही करवाएंगे। साथ ही “सुशासन तिहार” के अंतर्गत शासकीय भूमि पर फर्जी पट्टा बनवाने हेतु दिए गए सभी नए आवेदनों को भी निरस्त करने की घोषणा की गई।
मौका निरीक्षण के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामवासी मौजूद थे, जो इस मुद्दे को लेकर बेहद गंभीर नजर आए। अब देखना होगा कि प्रशासन इस प्रकरण में कितनी सख्ती और पारदर्शिता से आगे बढ़ता है।