Shubh Mantr @Thetarget365 : प्रात : काल का समय ऊर्जा, शुद्धता और नवीनता का प्रतीक माना जाता है। जैसे ही नींद से जागते हैं, सकारात्मकता का एक अदृश्य प्रवाह हमारे मन और वातावरण को शुद्ध करता है। ऐसे में यदि हम दिव्य शक्तियों और अपने शुभचिंतकों का स्मरण कर कुछ विशेष मंत्रों का उच्चारण करें, तो पूरा दिन मानसिक शांति, आत्मबल और सफलता से भर जाता है।
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥
(अर्थात् – हमारे हाथों के अग्रभाग में लक्ष्मी, मध्य में सरस्वती और मूल भाग में गोविंद का वास है। अतः प्रातःकाल हाथों के दर्शन से इनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।)
समुद्र-वसने देवी पर्वत-स्थान-मण्डले।
विष्णु-पत्नी नमस्तुभ्यं पाद-स्पर्शं क्षमस्वमे॥
(अर्थात् – समुद्र को वस्त्र स्वरूप धारण करने वाली और पर्वतों के आधार पर स्थित देवी पृथ्वी को नमन करते हुए क्षमा प्रार्थना करनी चाहिए।)
पंडितों का कहना है कि इन मंत्रों के जाप से जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। आने वाले समय में सूर्य-चंद्र युति जैसे ज्योतिषीय घटनाओं के बीच इन मंत्रों का जाप और भी अधिक शुभ फल देने वाला रहेगा।