अंबिकापुर। अंबिकापुर की सीमा क्षेत्र में पिछले चार दिनों से घूम रहे 27 जंगली हाथियों का दल आज सुबह मंगलवार को नेशनल हाइवे 43, अंबिकापुर-रायगढ़ मुख्य मार्ग पर आ गया। हाथियों के एनएच में आ जाने अफरा तफरी का माहौल बन गया। कुछ समय के लिए सड़क पर आवागमन रोकना पड़ा। अभी भी हाथियों का यह दल नेशनल हाइवे से लगे क्षेत्र में डटा हुआ है। वनविभाग एवं पुलिस टीम हाथियों को शहर की ओर आने से रोकने मशक्कत में जुटी हुई है। पड़ोसी राज्य झारखंड से आया हाथियों का यह दल सरगुजा पहुंचा है।
पिछले दो दिनों से 27 हाथियों का दल अंबिकापुर के आसपास विचरण कर रहा था। लालमाटी में लोगों का हुजुम हाथियों को देखने पहुंच गया। हाथी नीचले खेतों से चढ़कर नेशनल हाइवे 43, अंबिकापुर-रायगढ़ मुख्य मार्ग में आ गए। इससे एनएच में अफरा-तफरी मच गई। हाथी अब भी नेशनल हाइवे को पार कर चेंद्रा जंगल की ओर घुस गए हैं। पांच दिनां से हाथियों का यह दल अंबिकापुर के आसपास गंजाडांड, बधियाचुआं व लालमाटी के इलाके में विचरण कर रहा है। हाथियों का यह दल सोमवार को बधियाचुआं इलाके में डटा हुआ था। हाथियों की निगरानी वन अमले द्वारा दिन के साथ रात में भी की जा रही है।
अंबिकापुर डीएफओ तेजस शेखर द्वारा स्वयं थर्मल ड्रोन से निगरानी कर रहे हैं। शहर से लगा बधियाचुआं, बांकी डैम, लालमाटी, रनघाघ, चेन्द्रा, बांसा के बीच लंबा-चौड़ा वन क्षेत्र है। जंगल में पानी की भी व्यवस्था है। जंगली हाथियों को ऐसा ही क्षेत्र पसंद आता है। इसलिए हाथी इसी क्षेत्र में कई दिन रूक सकते हैं। इसे लेकर वन अमला सक्रिय है।