अंबिकापुर। संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी के समतापूर्वक समाधिमरण पर समूचे देश, विदेश के साथ साथ अंबिकापुर स्थित जैन मंदिर परिसर में मुनि श्री प्रमाण सागर जी के सानिध्य में विनयांजली संपन्न हुई। सर्व विदित है कि पूज्य मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महराज मंगल विहार करते हुए सम्मेदशिखर से अंबिकापुर रविवार को सुबह पहुंचे।
दोपहर में विनयांजलि सभा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। कार्यकम का संचालन सौरभ कुमार जैन (सैनिक स्कूल) के कुशल नेतृत्व में किया गया। कार्यकम का आरंभ दीक्षा अग्रवाल ने मंगलाचरण से किया।
मुनि श्री प्रमाण सागर जी ने अपने प्रवचन के माध्यम से आचार्य श्री के अनेक संस्मरण को याद कर देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया। मुनि श्री ने कहा की सकारात्मक सोच व्यक्ति के व्यक्तित्व को परिवर्तित करती है। विधायक राजेश अग्रवाल अंबिकापुर, विधायक प्रबोध मिंज लुण्ड्रा, अजय तिर्की महापौर अंबिकापुर आदि अनेक गणमान्य अतिथियों ने पूज्य श्री से आर्शीवाद लिया। अतिथियों ने अपने उदबोधन में संतो के जीवदया के कार्यों का विस्तृत वर्णन किया। तन्मयानंद जी महराज, महेंद्र टूटेजा, ब्रह्मकुमारी परिवार से विद्या दीदी आदि वक्ताओं ने पूज्य आचार्य श्री के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके किए गये जीवनोद्धार के कार्यों याद करते हुए सराहना की। अंत मे एक मिनिट के मौन के बाद कार्यकम सम्पन्न हुआ। कार्यकम में अनिल मेजर, आलोक दुबे, अखिलेश सोनी, भारत सिंह सिसोदिया, हेमंत सिन्हा, जेपी श्रीवास्तव, परवेज आलम, मधूसूदन शुक्ला, विकास मिश्रा, विनय दुबे आदि उपस्थित थे।
कार्यकम को सफल बनाने में अंबिकापुर सहित बगीचा, कुनकुरी, जशपुर, सूरजपुर, विश्रामपुर जैन समाज का बड़ा योगदान रहा।