प्रतापपुर (सूरजपुर)। प्रतापपुर-अंबिकापुर मार्ग जिसे खड़गवां रोड के नाम से भी जाना जाता है। वहां स्थित बांक नदी के ऊपर दशकों पहले बने पुल के बीच वाले हिस्से के जोड़ में फिर से लंबी दरार पड़ गई है। जोड़ में लगा सरिया स्पष्ट रूप से बाहर निकला हुआ दिखाई दे रहा है। एक तरह से देखा जाए तो दरार के कारण पुल के बीच का पूरा हिस्सा फट गया है। फटे हुए हिस्से ने एक लंबे जर्क का रूप धारण कर रखा है। इस हिस्से में झांकने पर नीचे बह रहा नदी का पानी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। जिससे यह साबित होता है कि पुल में पड़ी दरार पुल के आरपार हो चुकी है। बता दें कि सेतु निगम अंबिकापुर के अधीन इस पुल में पड़ी दरार की मरम्मत सेतु निगम द्वारा कई बार कराई जा चुकी है पर मरम्मत है कि टिकने का नाम ही नहीं लेती। पुल पर बार बार बन रही इस तरह की स्थिति को देखते हुए यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि सेतु निगम द्वारा पुल में पड़ी दरार की मरम्मत करने के नाम पर लंबे समय से केवल लीपापोती का ही खेल खेला जा रहा है। इधर लोगों का आरोप है कि सेतु निगम के अधिकारी पुल की मरम्मत के नाम पर शासकीय राशि का दुरूपयोग करते हुए अपनी जेबें भरने का काम कर रहे हैं।
जर्क के कारण एक महिला की हो चुकी है मौत
बता दें कि नगर पंचायत प्रतापपुर के क्षेत्र शांतिनगर में मौजूद इस बांक नदी के पुल पर पड़ी दरार से बना जर्क पुल से गुजरने वाले वाहन सवारों के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है। आए दिन कोई न कोई वाहन सवार इस जर्क के झटके से उछलकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहा है। कुछ साल पहले इसी जर्क के झटके के कारण मोटरसाइकिल के पीछे बैठी एक महिला अपना संतुलन खोते हुए पुल के ऊपर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इस घटना में घायल महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इसके बावजूद सेतु निगम के अधिकारी पुल में पड़ी दरार की मरम्मत के नाम पर केवल लीपापोती तक ही सीमित रहे। जबकि अधिकारियों को पुल की जर्जर हालत को देखते हुए उसकी ठोस तरीके से मरम्मत करानी चाहिए थी। पर अधिकारी तो अधिकारी हैं इनका भला आम लोगों की परेशानी से क्या वास्ता।