अंबिकापुर। एनसीईआरटी में मिलेट्स एवं परंपरागत औषधि पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन विषय पर त्रि-दिवसीय इंटरेक्टिव मीट का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से सात सदस्यीय टीम शामिल हुई।
सरगुजा जिले से ममता किन्डो विकासखंड लुण्ड्रा व अंजली सरिता बड़ा विकासखंड उदयपुर, कांकेर जिले से पुरुषोत्तम दास साहू, रविशंकर ओट्टी, घनश्याम ऑडसे, डिकेश कु वैद्य व एसएमसी सदस्य इंद्रोबाई कोवाची शामिल हुए। उक्त संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यो से आये वनस्पति वैज्ञानिक, उन्नत कृषक, शिक्षाविदों द्वारा मिलेट्स मोटे अनाज के पोषक वर्धक, स्वास्थ्यप्रद, गुणों के बारे में बताते हुए उनके उपज और उपयोग को बढ़ाने के साथ परम्परागत वन औषधीय पौधे के विलुप्त होती प्रजाति को संरक्षण एवं संवर्धन को गंभीरता से लेते हुए जन समुदाय को जागरूक, स्कूल शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने शासन के द्वारा उचित योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा परिचर्चा की गई। छत्तीसगढ़ के शिक्षकों की टीम द्वारा चर्चा में भाग लेकर अपने विचार रखे गए सभी राज्यो से लाये मिलेट्स एवं औषधीय पौधों की प्रदर्शनी लगाई गई।
छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधि करते शिक्षकों द्वारा सौ से अधिक वनोषधीय पौधों के हर्बेनियम एवं उपयोगी भाग, कंद, फूल, फल, पत्ते और उनके द्वारा प्राप्त तेल आदि एवं विभिन्न प्रकार के मिलेट्स जैसे कोदो, कुटकी, मड़िया, ज्वार सरगुजा मैनपाठ क्षेत्र में पाया जाने वाला टाऊ आदि को प्रदर्शित किया गया। एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. दिनेश सकलानी, सचिव डॉ अमन शर्मा व अन्य प्रभावित हुए। मिलेस्ट्स के उत्पादन व उपयोग हेतु कार्ययोजना के साथ सरगुजा जिला कलेक्टर विलास भोसकर से मुलाकात कर अपनी बात रखी। उक्त कार्यक्रम में पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुहे, बीईओ देव गुप्ता व रविकांत यादव, बीआरसी अजय सिंह व श्रीमती उषा किरण बाखला का विशेष सहयोग रहा।