राजपुर @thetarget365 न्यायिक मजिस्ट्रेट राजपुर आलोक पांडेय ने भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष शिवनाथ यादव को अपराधिक परिवाद प्रकरण क्रमांक 199/2019 में वाद हेतुक के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। यह फैसला करीब छह वर्षों की लंबी सुनवाई के बाद सुनाया गया।
मामले का विवरण
यह मामला 18 मार्च 2019 को परिवादी पुरनचंद जायसवाल द्वारा दायर किया गया था। परिवादी ने आरोप लगाया था कि शिवनाथ यादव ने उनसे 3 लाख रुपये उधार लिए थे और इसे चुकाने के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, राजपुर शाखा का चेक क्रमांक 306495 प्रदान किया था। जब चेक बैंक में जमा किया गया तो वह बाउंस हो गया। इस पर परिवादी ने न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया।
आरोपी का बचाव
शिवनाथ यादव की ओर से अदालत में दलील दी गई कि यह चेक किसी दायित्व के निर्वहन के लिए नहीं दिया गया था। मामला 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान का है, जब दोनों पक्ष एक राजनीतिक चर्चा में शामिल हुए थे। चर्चा के दौरान शर्त लगाते समय चेक दिए गए थे, जिनका उपयोग बाद में अनुचित तरीके से किया गया।
आरोपी ने स्वयं के साथ-साथ अपने बचाव में पांच अन्य गवाहों के बयान न्यायालय में प्रस्तुत किए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी तर्क दिया कि परिवादी ने कानूनी रूप से मांग सूचना पत्र प्रदान नहीं किया और परिवाद समय पूर्व दायर किया गया था।
न्यायालय का फैसला
न्यायालय ने सुनवाई और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर यह पाया कि आरोप के लिए ठोस प्रमाण नहीं हैं। इस पर शिवनाथ यादव को दोषमुक्त कर दिया गया।
शिवनाथ यादव ने फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, “न्यायालय में लगभग छह वर्षों तक नियमित रूप से उपस्थित होने के बाद मुझे न्याय मिलने की उम्मीद थी। इस फैसले से न्याय व्यवस्था पर मेरा विश्वास और मजबूत हुआ है।”
अधिवक्ताओं की भूमिका
शिवनाथ यादव की ओर से अधिवक्ता सुनील सिंह, जितेंद्र गुप्ता, और जसवंत यादव ने पैरवी की। वहीं, परिवादी की ओर से रामनारायण जायसवाल ने मामले की पैरवी की।