अंबिकापुर @thetarget365 अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फ़ास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (पाक्सो एक्ट) कमलेश जगदल्ला की अदालत ने मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को 20 वर्ष कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत पीड़िता को पांच लाख रुपये क्षतिपूर्ति राशि देने की अनुशंसा करने के साथ ही जुर्माना की राशि को भी अपील नहीं होने की स्थिति में पीड़िता को देने का आदेश जारी किया है।
लगभग दो वर्ष पूर्व 12 फरवरी 2023 को सरगुजा जिले के एक गांव में मजदूर दंपती मजदूरी करने गए थे। उनके दो बच्चे घर से खेलने निकल गए थे। मानसिक रूप से कमजोर बड़ी बेटी घर में ही थी। दोपहर में वह बस्ती की ओर गई थी। उसी दौरान आरोपी उसे बहला फुसलाकर अपने घर ले गया था। घर पर ही आरोपी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। माता-पिता के घर लौटने पर पीड़िता ने घटना की जानकारी दी थी। इसके बाद थाने में आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीकृत किया गया था।
दुष्कर्म तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनयम की धाराओं के तहत आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण के सारे तथ्यों की सुनवाई और पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फ़ास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (पाक्सो एक्ट) कमलेश जगदल्ला की अदालत ने आरोपी को दुष्कर्म तथा लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम की धाराओं का दोषी पाया गया। तीन अलग-अलग धाराओं में आरोपित को बीस-बीस वर्ष का कारावास तथा अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर आरोपी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
पीड़िता को मिलेगा मुआवजा
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फ़ास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (पाक्सो एक्ट) कमलेश जगदल्ला की अदालत ने पीड़िता को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम तथा यौन उत्पीड़न,अन्य अपराधों से पीडित महिलाओं एवं उत्तरजीवियों के लिए क्षतिपूर्ति योजना एवं पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना के अंतर्गत पीड़ित क्षतिपूर्ति निधि से पीड़िता को पांच लाख रुपये क्षतिपूर्ति की राशि प्रदान करने की अनुशंसा की है।
यदि पूर्व में पीड़िता को इस अपराध के संबंध में अंतरिम प्रतिकर की राशि प्रदान की गयी हो तो उक्त राशि इस प्रतिकर की राशि में समायोजित की जाएगी। अभियुक्त पर अधिरोपित बीस हजार रुपये की जुर्माना राशि को उक्त धारा के विधिक प्रावधान के अंतर्गत अपील अवधि के पश्चात अपील न होने की स्थिति में पीड़िता को प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।