अंबिकापुर। शहर की एक शैक्षणिक संस्था की छात्रा की असामयिक मृत्यु के जांच एवं शैक्षणिक संस्थाओं की कड़ाई से निगरानी एवं जांच किये जाने के मांग को लेकर आज गुरुवार को जिला अधिवक्ता संघ सरगुजा ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
अधिवक्ता संघ ने ज्ञापन में कहा है कि 7 फरवरी को कार्मेल स्कूल की नाबालिक छात्रा, जो कक्षा 6वी में अध्ययनरत थी, हमारे जिला अधिवक्ता संघ के सदस्य साथी अधिवक्ता अजिल सिन्हा की पोती थी। उसने स्कूल के प्राध्यापक के व्यवहार से आहत होकर आत्महत्या कर ली है। जिससे अधिवक्ता संघ के सदस्यों में संस्था के प्रति रोष व्याप्त है। उक्त घटना के संबंध में जिला अधिवक्ता संघ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर कार्मेल स्कूल में हुये उक्त घटना का विस्तृत जांच करते हुये संस्था तथा दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की मांग करती है। साथ ही साथ हम अधिवक्तागण इसी नगर के निवासी हैं उनके परिवार तथा नगर के बच्चे भी इन संस्थाओं में अध्ययन कर रहे हैं और उक्त घटना के बाद बच्चों तथा परिजनों में एक भय का माहौल बना हुआ है। ज्ञापन में आगे कहा गया है कि शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा शासन के नियम एवं प्रावधानों के विपरीत छात्र-छात्राओं से व्यवहार किया जाता रहा है। जिसके संबंध में समय-समय पर छात्रों के परिजन तथा कई संगठनों के द्वारा संबंधित संस्थाओं की जांच तथा शासन के बनाये प्रावधानों के अंतर्गत छात्राओं के साथ व्यवहार करने संबंधित शिकायत किया जाता रहा है, परंतु शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा उक्त शिक्षण संस्थाओं पर नियंत्रण रखने वाले प्रभावी अधिकारियों द्वारा हमेशा शिकायतों को अनदेखा कर संबंधित संस्थाओं के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करने के परिणाम स्वरूप उक्त घटना घटित हुई है। अधिवक्ता संघ मांग करती है कि सभी निजी शैक्षणिक संस्थाओं एवं शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के छात्रों एवं संस्थाओं के प्राध्यापकों की कार्यप्रणाली एवं व्यवहार के संबंध में निगरानी समिति बनाते हुये शैक्षणिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर रोक लगाये जाने आवश्यक कार्यवाही करते हुये छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने का व्यवस्था किया जाना न्यायोचित होगा। ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और उन पर अंकुश लग सके। साथ ही कार्मेल स्कूल अंबिकापुर में घटी है, इसकी सूक्ष्मता से जांच कर कठोर से कठोर कार्यवाही किया जाए। ज्ञापन सौंपा में संघ के अध्यक्ष हेमन्त तिवारी, सचिव विजय तिवारी, मनोज अम्बष्ट, मिथलेश सिंह, राकेश सिन्हा, आनन्द शर्मा, अशोक सिंह, सीडी कुमार राजवाड़े, अशोक दुबे, अनिल दुबे, सत्येन्द्र तिवारी, उमंग दुबे एवं वरिष्ठ अधिवक्ता शामिल रहे।