अंबिकापुर (thetarget365)। सरगुजा जिले के गांधीनगर थाना इलाके की एक महिला हेड कांस्टेबल की डांट फटकार से एक किसान की हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। महिला हेड कांस्टेबल जमीन विवाद के एक मामले की शिकायत पर जांच के लिए गांव पहुंची थी। आरोप है कि किसान को बुलाकर महिला हेड कांस्टेबल के द्वारा धमकी दिया जाने लगा, इसके बाद बुजुर्ग किसान को हार्ट अटैक आ गया। किसान को बेहोशी की हालत में मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों सहित कांग्रेस के नेताओं ने इस पूरे मामले में अब दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी अनुसार अंबिकापुर के सूखरी गांव निवासी राम सुंदर 60 वर्ष के भाई की बेटी भगवती राजवाड़े की शिकायत पर पुलिस जमीन विवाद के मामले पर गांव पहुंची थी। इस दौरान महिला हेड कांस्टेबल बिरारानी तिर्की ने किसान रामसुंदर को भीड़ से किनारे ले जाकर डांटना शुरू कर दिया। इससे किसान वहीं पर बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा। तत्काल परिजन उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल एंबुलेंस से पहुंचे। चिकित्साकों ने यहां जांच उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि दूसरे पक्ष के लोगों से पुलिस वाले रिश्वत लेकर उनके घर उन्हें धमकाने पहुंचे थे और रामसुंदर शांत स्वभाव का व्यक्ति था और डांट सुनकर उसे हार्ट अटैक आ गया। घटना के बाद गांव पहुंची पुलिस की टीम भी वहां से भाग गई दूसरी तरफ घटना की जानकारी सरगुजा कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता को लगी तो वह भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंच गए और यहां पर पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे।
मृतक की बहू अनीता राजवाड़े ने बताया कि उसके ससुर के साथ पुलिस वालों ने धमकी के साथ ही धक्कामुक्की भी की। जिससे उनके ससुर जमीन पर गिर गए। जबकि हम लोग पुलिस वालों को शांति के साथ बैठकर बातचीत करने के लिए कह रहे थे। लेकिन पुलिस वालों ने हमारी बात नहीं मानी। वहीं घटना की जानकारी मिलने पर आईपीएस व नगर पुलिस अधीक्षक रोहित शाह भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने मृतक के परिजनों से बातचीत की लेकिन परिजनों का कहना है कि वे महिला हेड कांस्टेबल का पक्ष ले रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ पुलिस हेड कांस्टेबल पर डांट फटकार का आरोप लगाते हुए परिजनों ने मृतक का पोस्टमार्टम तब तक कराने से इनकार कर दिया जब तक की महिला हेड कांस्टेबल को सस्पेंड नहीं किया जाता है। वही उनका यह भी कहना था कि अगर महिला हेड कांस्टेबल को मामले में प्राथमिक तौर पर सस्पेंड नहीं किया जाता है तो फिर उन्हें और कोई दूसरा न्याय नहीं चाहिए। वही रोहित कुमार साह नगर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और पहले महिला हेड कांस्टेबल को सस्पेंड नहीं कर सकते क्योंकि मामला उस लायक नहीं है।
मामले में सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी ने बयान जारी कर कहा कि नया कानून लागू होने के साथ ही महिला पुलिसकर्मी द्वारा ग्राम सुखरी कालापारा के गवंटिया श्रीराम सुंदर राजवाड़े की हार्ट अटैक से मौत बेहद दुखद और अमानवीय है। आरोपित महिला प्रधान आरक्षक को तत्काल निलंबित कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने तक कांग्रेस पार्टी उग्र आंदोलन करेगी। ग्राम सुखरी के काला पारा के प्रतिष्टित किसान, लेम्प्स सदस्य, शाला विकास समिति के अध्यक्ष श्रीराम राजवाड़े का परिवारिक जमीन विवाद चल रहा था। आरोप है कि उसने श्रीराम सुंदर राजवाड़े से कडे लहजे में बात कर अपशब्द कहे और जेल में सड़ा देने की धमकी दी। सार्वजनिक रूप से अपमान से व्यथित राजवाड़े वहीं पर गिर कर बेहोश गए। अस्पताल पहुंचने तक उनकी मौत हो गयी। परिजनों की सूचना पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह, ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष विनय शर्मा बंटी, जिला महामंत्री अरविंद सिंह गप्पू, नुरुल सिद्दकी, शैलेंद्र सोनी, आशीष वर्मा, रजनीश सिंह, नीतीश चौरसिया, आतिश शुक्ला सहित कांग्रेजन अस्पताल पहुंचे।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने घटना की जांच करा दोषी पुलिस कर्मी पर कार्यवाही करने की मांग की है। उन्होंने कहा संसद में विपक्ष के सांसदों को निलंबित कर नया कानून पास कराया गया, अब उसका दुष्परिणाम आना शुरू हो गया है। देश के कई राज्यो में इस कानून को निलंबित रखा है। उन्होंने पूछा क्या चिंतामणि महराज जो कि स्वयं आदिवासी समाज से आते हैं, क्या वे सामने आकर यह कह सकते है नया कानून आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लिए उपयोगी है..? उन्होंने दो दिन में जांच पूरी कर कार्यवाही नहीं करने कि स्थिति में परिजनों के साथ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।