अंबिकापुर @thetarget365 केंद्रीय जेल अंबिकापुर के उच्च सुरक्षा वार्ड (बैरक) की जांच के दौरान प्रतिबंधित सामग्रियां बरामद करने के बाद जेल प्रबंधन ने लापरवाही के आरोप पर 04 जेल प्रहरियों को निलंबित कर दिया है। जेल प्रबंधन की सक्रियता से ही मामला सामने आया था जिसमें कुख्यात बदमाशों के बैरक से मोबाइल और गांजा जब्ती की कार्रवाई की गई थी।
उच्चाधिकारियों के निर्देश पर जेल अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्रिय ने पूरे मामले की जांच कराई। कार्य में लापरवाही के दायरे में फंसे चार जेल प्रहरियों को निलंबित कर दिया गया है। जेल अधीक्षक ने सभी अधिकारी कर्मचारियों को कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही नहीं बरतने तथा जेल मैन्युअल का पालन करने तथा कराने के सख्त निर्देश दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार अंबिकापुर केंद्रीय जेल के जिस बैरक में दुर्ग से आए कुख्यात बदमाश दीपक नेपाली और सूरजपुर में मां-बेटी की हत्या का आरोपी कुलदीप साहू को रखा गया था, उसी बैरक की प्रबंधन ने जांच की थी। जांच के दौरान छिपाकर रखा गया एक मोबाइल तथा गांजा बरामद किया गया था। बंदियों-कैदियों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने के असर से जेल के माहौल में आए बदलाव के बीच प्रतिबंधित सामग्रियो की जब्ती को प्रबंधन ने गंभीरता से लिया था।
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कुछ महीने पहले कुछ विचाराधीन बंदियों को केंद्रीय जेल अंबिकापुर में शिफ्ट किया गया है। इनमें सूरजपुर जिले में पदस्थ प्रधान आरक्षक की पत्नी व बेटी की हत्या का आरोपी कुलदीप साहू, दुर्ग का दीपक सिंह नेपाली के साथ एक-दो अन्य बंदी भी हैं। बाहरी बंदियों को यहां शिफ्ट करने के बाद प्रबंधन समय-समय पर इनके बैरकों की औचक जांच करता है। बंदियों को बाहर निकालकर उनके सामानों की भी जांच की जाती है।
जेल प्रबंधन की सजगता का ही परिणाम है कि यहां कुलदीप साहू और दीपक सिंह नेपाली के बैरक से प्रबंधन को मोबाइल और गांजा जैसे प्रतिबंधित सामानों को जब्त करने में सफलता मिली। इन सामानों को नाली के पास छिपा कर रखा गया था। मामला सामने आने के बाद अब कार्रवाई शुरू हो गई है।
चार प्रहरियों को निलंबित करने के आदेश में प्रबंधन ने उल्लेख किया है कि 17 मार्च को उच्च सुरक्षा वार्ड की जांच के दौरान प्रतिबंधित सामग्री बरामद की गई है। यह कार्य में लापरवाही का धोतक है। पूरे मामले में उच्च सुरक्षा वार्ड की सुरक्षा के लिए ड्यूटी में तैनात कर्मियों को प्रथम दृष्टया लापरवाही का दोषी पाया गया है।