★ जेडआरयूसीसी सदस्य की मांग पर LHB कोचों से लैस हुई दुर्ग एक्सप्रेस, 19 कोचों के साथ हो रहा संचालन
अंबिकापुर @thetarget365 अंबिकापुर-दुर्ग-अंबिकापुर एक्सप्रेस अब एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोचों के साथ पटरी पर दौड़ रही है। पहली बार दुर्ग ट्रेन में एलएचबी कोच लगाए गए हैं। इन कोचों से यात्रा अब और आरामदायक तथा सुरक्षित हो गई है। अभी तक दुर्ग ट्रेन में परंपरागत रूप से आइसीएफ कोच ही लगे हुए थे। महीनों से दुर्ग ट्रेन में एलएचबी कोच की मांग की जा रही थी।
जेडआरयूसीसी सदस्य मुकेश तिवारी ने पहली बैठक में ही एलएचबी कोच की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग रखी थी। पहली बार मंगलवार को लाल रंग के एलएचबी कोचों के साथ दुर्ग ट्रेन सुबह-सुबह अंबिकापुर रेलवे स्टेशन पर पहुंची। अभी तक नीले रंग के आइसीएफ कोचों के साथ ही इस ट्रेन का परिचालन किया जा रहा था। आइसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) के कोच होते हैं। ये पारंपरिक यात्री कोच हैं जिनका इस्तेमाल ज़्यादातर भारतीय रेलवे लाइनों पर किया जाता है। आइसीएफ़ कोच, नीले रंग के होते हैं। एलएचबी कोच न सिर्फ आरामदायक बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी ज्यादा कारगर है।
इन कोचों की विशेषता है कि जनरल डिब्बे से भी भीतर ही भीतर एसी और स्लीपर कोचों तक आना-जाना किया जा सकता है। यदि भूलवश या जल्दबाजी में यात्री एसी कोच में सवार हो गया और उसे जनरल बोगी में जाना है तो नीचे उतर कर बोगी बदलने की आवश्यकता भी नहीं है। इसमें सीटों की संख्या भी अधिक रहती है।
19 LHB कोच के साथ दुर्ग ट्रेन का परिचालन
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में 19 एलएचबी कोच के साथ दुर्ग ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है। इनमें पांच जनरल बोगी हैं। आठ बोगी शयनयान, दो बोगी तृतीय श्रेणी वातानुकूलित, एक बोगी द्वितीय श्रेणी वातानुकूलित, एक बोगी प्रथम श्रेणी वातानुकूलित के अलावा दो बोगी गार्ड ब्रेक तथा माल लदान वाली है।चूंकि अंबिकापुर प्लेटफार्म की लंबाई अधिकतम 20 कोच के अनुरूप है इसलिए रेलवे प्रबंधन द्वारा दुर्ग ट्रेन में फिलहाल कोचों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है।
जेडआरयूसीसी सदस्य ने रखी थी मांग
जेडआरयूसीसी सदस्य मुकेश तिवारी ने अपने पहले कार्यकाल की पहली बैठक में ही दुर्ग ट्रेन का संचालन एलएचबी कोचों के साथ किए जाने की मांग प्रमुखता से रखी थी। अधिकारियों ने बताया था कि एक्सप्रेस ट्रेनों में उपलब्धता के आधार पर एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं। आखिरकार दुर्ग ट्रेन के सारे कोच अब एलएचबी वाले हो गए हैं। लाल रंग के ये कोच देखने में भी आकर्षक होते हैं।
LHB कोच सुरक्षित और आरामदायक
एलएचबी कोच सुरक्षित और ज्यादा आरामदायक हैं।एलएचबी कोच, आइसीएफ कोच से बेहतर और सुरक्षित होते हैं। ये कोच हल्के होते हैं, जिससे ट्रेन की गति और क्षमता बढ़ जाती है। इनमें आधुनिक सुविधाएं भी होती हैं। इन कोचों में आधुनिक सुविधाएं जैसे कि बायो-टॉयलेट, बेहतर वेंटिलेशन और आपातकालीन खिड़की आदि होती है। इन कोचों में एंटी-क्लाइम्बिंग फ़ीचर होता है, जिससे टक्कर के दौरान ये एक-दूसरे पर नहीं चढ़ते।
आइसीएफ कोच की तुलना में ज़्यादा गति से चल सकते हैं। इसमें जर्क नहीं लगता है। कोचों में एक्सल पर डिस्क ब्रेक लगे होते हैं, जो उच्च गति पर भी प्रभावी ब्रेक लगाने में सहायक होते हैं। एलएचबी कोच एंटीटेलीस्कोपिक डिजाइन के तहत तैयार किए गए हैं, जिसका मतलब है कि वे एक-दूसरे से टकराते नहीं हैं। इसे इंडियन रेलवे में पहली बार साल 1999 में शामिल किए गए। ये कोच यात्रियों के लिए काफी आरामदायक होता है। दुर्घटना की स्थिति में ये कोच कम क्षतिग्रस्त होते हैं।