★ वर्तमान सरकार में भी जारी है अवैध वसूली
★ बनारस मार्ग बना वसूली का केंद्र
प्रतापपुर @thetarget365 पूर्व की सरकार में व्यवसायिक वाहनों से अवैध वसूली करने वाले आरटीओ विभाग की वसूली पर वर्तमान सरकार में भी नकेल नहीं लग पा रही है। आरटीओ उड़नदस्ता की संभागीय टीम व्यवसायिक वाहनों की जांच के नाम पर बनारस मार्ग में वसूली का गोरखधंधा चला रही है।
बनारस मार्ग के कपसरा, सतीपारा, दवनकरा, सोनगरा, जरही, भैसामुड़ा, दरहोरा, सेमराखुर्द व घाट पेंडारी जैसे स्थानों में आरटीओ उड़नदस्ता द्वारा अपनी नीली बत्ती गाड़ी बेतरतीब तरीके से सड़क में खड़ी कर व्यवसायिक वाहनों की श्रेणी में आने वाले पिकअप व भारी वाहनों को जांच के नाम पर रोका जा रहा है। चालकों के पास वाहन चलाने से संबंधित संपूर्ण दस्तावेज होने के बावजूद प्रवेश शुल्क के नाम से वसूली की जा रही है। इसमें पिकअप चालकों से एक हजार व ट्र्क चालकों दो हजार रुपए लिए जा रहे हैं।
वाहन चालकों का आरोप है कि पहले तो आरटीओ की टीम द्वारा वाहनों के दस्तावेज मांगे जाते हैं फिर पैसों की मांग की जाती है। पैसा देने से मना करने पर दादागिरी दिखाते हुए दस्तावेज जब्त करने की धमकी दी जाती है। वाहनों को आगे बढ़ने से भी रोक दिया जाता है। जिसके कारण वाहन चालकों को मजबूरन पैसा देना ही पड़ता है। दिए गए पैसे की रसीद भी नहीं दी जाती है।
आरटीओ द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से की जा रही यह अवैध वसूली वाहन चालकों को अकारण ही आर्थिक नुकसान पहुंचाने के साथ उन्हें मानसिक रूप से भी प्रताड़ित करने में लगी हुई है। वैसे तो आरटीओ की प्राथमिकता में ओवरलोडिंग की जांच होनी चाहिए पर यहां तो आरटीओ विभाग की प्राथमिकता में वाहन चालकों से केवल पैसा वसूली करना ही रह गया है।
आरटीओ द्वारा की जा रही इस बेवजह जांच के कारण बनारस मार्ग पर भारी वाहनों की लाइन लग जाती है जिसके कारण मार्ग पर दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है। वाहन चालकों ने आरटीओ की इस मनमाने रवैए पर लगाम लगाने शासन प्रशासन से मांग की है।