प्रतापपुर (सूरजपुर)। सोमवार को छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हिंसा हुई थी। हजारों की संख्या में एकजुट हुई भीड़ ने उग्र प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर व एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया था। सैकड़ों दुपहिया व चारपहिया वाहनों में भी जमकर आगजनी की गई। जगह जगह तोड़फोड़ की घटना को भी अंजाम दिया गया। बड़े पैमाने पर हुई इस हिंसा में सतनामी समाज का नहीं बल्कि कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा पोषित असमाजिक तत्वों का हाथ था। यह बातें चेरवा समाज के संभागीय संरक्षक व भाजपा नेता बासुदेव माझी ने एक बयान जारी कर कही हैं।
माझी ने कहा कि सतनामी समाज द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया जा रहा था। प्रदर्शन स्थल पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार, भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव व बिलाईगढ़ की विधायक कविता प्राण लहरे व उनके साथ कुछ अन्य कांग्रेस नेता मौजूद थे। तभी अचानक सतनामी समाज के प्रदर्शन में कुछ असामाजिक तत्व भी शामिल हो गए। इसके बाद प्रदर्शन स्थल पर मौजूद कांग्रेस नेताओं ने सतनामी समाज को भ्रमित कर भड़काना शुरू कर दिया। भीड़ में शामिल असामाजिक तत्व भड़काऊ नारे देते हुए कलेक्टर कार्यालय की ओर बढ़े तो भीड़ में भी उनके साथ चल पड़ी। असामाजिक तत्वों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स तोड़ दिए। और भीड़ को लेकर कलेक्टर व एसपी कार्यालय में प्रवेश कर गए। दोनों ही कार्यालयों में आगजनी के साथ जमकर तोड़फोड़ करते हुए वहां रखे दस्तावेजों को जला दिया गया। और इधर कांग्रेस पार्टी के नेता भीड़ को भड़काने का काम करते रहे। बासुदेव माझी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि बलौदाबाजार के कलेक्टर कार्यालय में रखे हुए दस्तावेजों में कांग्रेस शासनकाल में किया गया भ्रष्टाचार छुपा हुआ था। इसी भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने सतनामी समाज की आड़ लेकर असामाजिक तत्वों के माध्यम से कलेक्टर कार्यालय में रखे हुए दस्तावेजों में आग लगवा दी। माझी ने कहा कि बलौदाबाजार में हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सतनामी समाज के प्रमुखों के साथ बैठक कर शांति बनाए रखने की अपील की थी। बैठक में सामाज प्रमुखों ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि बलौदाबाजार हिंसा में सतनामी समाज नहीं बल्कि असामाजिक तत्वों का हाथ था। माझी ने कहा कि खुद कांग्रेस के पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने भी स्वीकार किया है कि हिंसा में असामाजिक तत्वों की ही भूमिका थी तो अब सवाल यह उठता है कि वे असामाजिक तत्वों के साथ क्यों खड़े थे। और जब हिंसा में असामाजिक तत्वों का ही हाथ था तो फिर कांग्रेस के ही कुछ नेता सतनामी समाज का नाम लेकर भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का असफल प्रयास क्यों कर रहे हैं। माझी ने कहा कि बलौदाबाजार हिंसा की जांच करने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एसआइटी का गठन कर दिया है। हिंसा भड़काने वाले लोग जल्द ही सलाखों के पीछे नजर आएंगे।