रायपुर (thetarget365)। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में पिछले दिनों हुई हिंसा मामले में गुरुवार देर रात कार्यवाही करते हुए राज्य सरकार ने तत्कालीन कलेक्टर कुमार लाल चौहान और पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार को निलंबित कर दिया है।
देखें आदेश की कॉपी 👇🏻
आखिर क्यों भड़की हिंसा
15 मई की देर रात सतनामी समाज के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास मौजूद दशहरा मैदान में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग मामले के सही आरोपी नहीं हैं पुलिस दोषियों को बचा रही है। 10 जून को प्रदर्शन के दौरान लोग इसी बात को लेकर उग्र हो गए। इसके बाद हालात बिगड़ने लगी। और उग्र भीड़ ने कलेक्टरेट परिसर के वाहनों को तोड़फोड़ कर आग लगाना शुरू कर दिया। भीड़ ने परिसर में आग लगा दी और कलेक्टर-एसपी कार्यालय भी जलने लगे। कई कर्मचारियों ने पीछे के रास्ते भागकर अपनी जान बचाई। पूरे घटनाक्रम को रोकने असफल कलेक्टर-एसपी को छत पर कुछ लोगों ने देखा। उग्र भीड़ ने करीब 75 बाइक, 20 कार और 2 दमकल वाहन को आग के हवाले कर दिया। कलेक्टर कार्यालय के सामने स्थित ध्वजारोहण के पोल पर सफेद रंग का ध्वज लगा दिया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इसमें पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोग भी घायल हुए हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद डिप्टी सीएम विजय शर्मा सोमवार देर रात घटनास्थल पहुंचकर मौके का जायजा लिया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश भी जारी कर दिए हैं।