अंबिकापुर (thetarget365)। जिला मुख्यालय बलरामपुर में बजरंग दल नेता सुजीत स्वर्णकार और युवती की संदिग्ध मौत को लेकर दोपहर से चल रहे चक्काजाम को देर शाम पुलिस ने बल पूर्वक हटा दिया। पुलिस व प्रशासन की बार-बार समझाइश के बाद भी प्रदर्शनकारी सड़क से नहीं हट रहे थे। आंदोलन के दौरान ही मंत्री रामविचार नेताम का पुतला फूंक नारेबाजी भी की गई। संदिग्ध हत्या के मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय से लगे डुमरखी के जंगल में 27 मई को सुबह बजरंग दल के जिला सह संयोजक सुजीत स्वर्णकार 25 वर्ष और किरण काशी 22 वर्ष का शव मिला था। शुरुआती जांच में हाथ-पैर के साथ कमर में निशान के कारण सुजीत की पीट-पीटकर हत्या की आशंका जताई गई थी। बजरंग दल के नेता सुजीत स्वर्णकार और युवती का शव मिलने के मामले में पुलिस ने 72 घंटे में खुलासा किए जाने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक मामले का खुलासा नहीं होने से गुस्साए बजरंग दल कार्यकर्ता ने गुरुवार को फिर से चक्काजाम कर दिया था। उनकी मांग थी कि बलरामपुर पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच करे।
बता दें फॉरेंसिक जांच के बाद पीएम रिपोर्ट में पता चला है कि जलने के निशान करंट लगने के कारण बने थे। सुजीत स्वर्णकार व किरण काशी की मौत करंट लगने से हुई थी। बलरामपुर पुलिस ने मामले की जांच के बाद तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है, जिनपर आरोप है कि उन्होंने जानवरों का शिकार करने के लिए करंट फैलाया था, जिसकी चपेट में बजरंग दल नेता सुजीत सोनी एवं उसे बचाते हुए किरण काशी की करंट लगने से मौत हो गई। तीनों ग्रामीणों के पास से फैलाया गया तार भी बरामद किया गया है। पुलिस आज इस मामले का खुलासा कर सकती थी लेकिन उससे पहले नेशनल हाइवे पर लोगों ने चक्काजाम कर आंदोलन शुरू कर दिया।