अंबिकापुर। बहुचर्चित जमीन घोटाले की सुनवाई आज कलेक्टर न्यायालय में की गई। आज भी बंशू लोहार कलेक्टर कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। उसकी ओर से जवाब पेश करने आए अधिवक्ता से कलेक्टर ने बंशू लोहार को कोर्ट में शुक्रवार या एक सप्ताह के अंदर पेश कराने का निर्देश दिया। बंशू लोहार को हाजिर करने के लिए कलेक्टर ने सरगुजा एसपी को भी पत्र लिखा है। बंशू लोहार प्रकरण चर्चा में आने के बाद से गायब बताया गया है।
कलेक्टर भोस्कर विलास ने अधिवक्ता से सवाल किया कि- क्या आप कभी बंसू से मिले हो तो नहीं का जबाब आया। अधिवक्ता ने बंसू के पोते के आग्रह पर उनकी ओर से वकालतनामा प्रस्तुत करने की जानकारी दी। कलेक्टर ने इस पर जानना चाहा कि यह कैसे संभव है? उन्होंने अधिवक्ता से कहा कि- न्यायालय पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराएगा ऐसे में क्या बंसू को न्यायालय में उपस्थित किया जा सकता है ? इस पर भी सहमति नहीं दी गई बल्कि बंसू लोहार की ओर से प्रेषित अभ्यावेदन को अस्वीकार करने आग्रह कर दिया गया।
जमीन खरीदने वालों ने पेश कि बैंक स्टेटमेंट
मामले में कलेक्टर न्यायालय ने जमीन के खरीददारों से बैंक स्टेटमेंट मांगा था। प्रकरण में पेश हुए अधिवक्ताओं ने जमीन खरीदने वाले पक्षकारों की ओर से उनका बैंक स्टेटमेंट न्यायालय में पेश किया। मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को निर्धारित की गई है। 28 मार्च को कलेक्टर विलास भोस्कर ने मामले के निर्णय की तिथि भी निर्धारित की है। माना जा रहा है कि 28 मार्च को कलेक्टर न्यायालय से निर्णय भी हो जाएगा।
बंसू के उपनाम को लेकर संशय बरकरार
जिस बंसू लोहार को मोहरा बनाकर अंबिकापुर शहर की बेशकीमती जमीन का वारा-न्यारा किए जाने का आरोप लग रहा है उसके उपनाम को लेकर भी उलझन बरकरार है। जिस वर्ष उसके नाम कथित रूप से पट्टा जारी हुआ था उसमें बंसू लोहार था। कुछ दस्तावेजों में यह अगरिया तथा राम भी लिखा है। कालांतर में जमीन से जुड़े इस मामले के दस्तावेज में कहीं-कहीं उपनाम विश्वकर्मा भी लिखा गया है।