अंबिकापुर (thetarget365)। सरगुजा जिले के राजमोहनी देवी भवन के पीछे बहुचर्चित शासकीय जमीन घोटाले का मुख्य आरोपी बंसू लोहार ने आज बुधवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। न्यायालय ने उसे 4 दिन की पुलिस अभिरक्षा में गांधीनगर थाना को सौंपा है।
भू माफियाओं ने बंसू लोहार को मोहरा बनाकर शहर की करोडों की बेशकीमती जमीन का फर्जीवाड़ा किया है। बंसू लोहार की तलाश लंबे समय से की जा रही थी। बुधवार को बंसू लोहार ने अंबिकापुर न्यायालय में समर्पण कर दिया। हाथ में एक झोला और उसमें कुछ कपड़े लिए न्यायालय परिसर में नाती के साथ दोपहर 1 बजे पहुंचे बुजुर्ग बंसू लोहार को देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि भू माफियाओं ने आपराधिक षड्यंत्र में उसे सिर्फ उपयोग किया। परसा के महादेवपारा निवासी बंसू लोहार की उम्र 78 वर्ष है। उसके नाम से जमीन का नामांतरण कर करोड़ो रूपये में लोगों को बेच दिया गया था। इसमें से यदि थोड़ी सी भी रकम बंसू लोहार को मिली होती तो वह उसके व्यवहार, पहनावा और जीवन शैली में निश्चित रूप से झलकता लेकिन ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया। न्यायालय में आत्मसमपर्ण की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस की ओर से बंसू लोहार को आठ दिनों की रिमांड पर देने आवेदन प्रस्तुत किया था। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने बंसू लोहार को चार दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। इस चार दिनों में पुलिस उससे घटना से जुड़े साक्ष्य और भूमाफियाओं के संबंध में जानकारी जुटाने का प्रयास करेगी। इसी मामले में तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, राजस्व निरीक्षक नारायण सिंह, राहुल सिंह तथा नजूल लिपिक अजय तिवारी के विरुद्ध गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज है। नीलम टोप्पो को छोड़कर शेष तीनों शासकीय सेवकों को कलेक्टर भोसकर विलास ने निलंबित कर दिया है।
बंसू ने उगला भूमाफिया का नाम, किया दावा – एक रुपये भी नहीं मिले
न्यायालय परिसर में मीडिया से चर्चा के दौरान बंसू लोहार ने करोड़ों की जमीन फर्जीवाड़ा के मामले में एक चर्चित भूमाफिया का नाम भी सार्वजनिक रूप से लिया। उसने दावा किया कि वही व्यक्ति उसके पास आया था। जमीन किसकी थी, किसके नाम पर किया गया उसे कुछ भी नहीं पता। उसे एक रुपये भी नहीं दिया गया है जबकि जो दस्तावेज इस पूरे प्रकरण में सामने आए थे उसमें स्पष्ट है कि बंसू लोहार ने करोड़ों की जमीन बेची है। यदि बंसू लोहार को एक रुपये भी नहीं मिले तो उसके नाम से जारी राशि अथवा चेक कहां गए इसकी भी जांच अब पुलिस आगे करेगी। चार दिनों की पुलिस रिमांड में इस पूरे घटनाक्रम से जुड़े कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं।