Bastar Flood : बीती रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने बस्तर जिले में जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदी-नाले उफान पर हैं और कई गांव जलमग्न हो चुके हैं। सबसे अधिक प्रभावित लोहंडीगुड़ा ब्लॉक का मांदर गांव रहा, जहां अचानक आई बाढ़ ने लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर लोगों की जान बचानी पड़ी।
मांदर गांव में बाढ़ की भयावह तस्वीर
लगातार बारिश के चलते मांदर गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गया। गांव के अंदर पानी इस कदर भर गया कि 5 लोगों को हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर सुरक्षित बाहर निकाला गया। इसके अलावा करीब 85 परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों में शरण लेनी पड़ी।
SDRF की त्वरित कार्रवाई, राहत शिविरों में पहुंचाए गए लोग
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीम ने मोर्चा संभाला और बाढ़ में फंसे 15 लोगों को रेस्क्यू कर राहत शिविरों तक पहुंचाया। प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को भोजन, पेयजल और अस्थायी आवास की व्यवस्था की गई है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है।
जगदलपुर-तोखापाल मार्ग भी प्रभावित
तेज बारिश के कारण जगदलपुर-तोखापाल ब्लॉक के रायकोट क्षेत्र में भीषण नुकसान हुआ है। सड़क बह जाने से राष्ट्रीय राजमार्ग से रैक लोडिंग प्वाइंट तक का संपर्क टूट गया है। इसके अलावा भूस्खलन से बचाव के लिए बनाई गई रिटर्निंग वॉल भी ढह गई, जिससे क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा और बढ़ गया है।
प्रशासन हाई अलर्ट पर, हेल्पलाइन नंबर जारी
जिला प्रशासन ने बाढ़ के हालात को देखते हुए हाई अलर्ट घोषित कर दिया है और बाढ़ नियंत्रण कक्ष को सक्रिय कर दिया गया है। बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 07856-252412 जारी किया गया है, जिस पर कॉल कर सहायता प्राप्त की जा सकती है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन हालात बेहद चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। आमजन से अपील है कि वे सतर्क रहें, अफवाहों से बचें और ज़रूरत पड़ने पर प्रशासन से संपर्क करें।