अंबिकापुर (thetarget365)। मां महामाया शक्कर कारखाना केरता के संचालक समिति पर कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के सहकारिता पंजीयक विभाग ने निर्वाचित संचालक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। दो दिन पूर्व शक्कर कारखाना के अध्यक्ष का प्रभार सूरजपुर कलेक्टर ने ले लिया है।शक्कर कारखाने में मनमानी नियुक्ति और खरीदी में अनियमितता की लगातार शिकायतें आती रही हैं।
बता दें मां महामाया शक्कर कारखाना केरता में व्याप्त अनियमितताओं की शिकायत पूर्व में पंजीयक सहकारिता विभाग रायपुर को की गई थी। शिकायत में टेंडर में नियमितता, प्लांट के संचालन के लिए कर्मचारियों की मनमानी भर्ती, लेबर पेमेंट सहित अन्य शिकायतें शामिल हैं। संचालक मंडल को पूर्व में नोटिस जारी किया गया था व नोटिस का जवाब पंजीयक को भेजा भी गया था। संचालक मंडल के जवाब से असंतुष्ट पंजीयक ने संचालक मंडल को भंग कर सूरजपुर कलेक्टर रोहित व्यास को शक्कर कारखाने का अध्यक्ष का कार्यभार सौंप दिया है।
कार्यवाही राजनीति से प्रेरित- विद्यासागर
शक्कर कारखाने के अध्यक्ष पद से हटाए गए विद्यासागर सिंह ने कहा कि पंजीयक सहकारिता विभाग ने कुछ बिंदुओं पर जवाब मांगा था। संचालक मंडल एवं विधि विशेषज्ञों से सलाह के बाद पंजीयक को जवाब भेजा गया था। इसके बावजूद निर्वाचित संचालक मंडल को भंग करना राजनीति से प्रेरित है। विधि विशेषज्ञों की सलाह लेकर आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।
मां महामाया शक्कर कारखाना की स्थापना के करीब 10 साल बाद संचालक मंडल का निर्वाचन साल 2019 में पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के कार्यकाल में हुआ था। कारखाना संचालक में शेयर धारक गन्ना किसानों की सहभागिता बढ़ाने के लिए संचालक मंडल के चुनाव में विद्यासागर सिंह अध्यक्ष, जितेंद्र दुबे उपाध्यक्ष और शुगर मिल एसोसिएशन दिल्ली के सदस्य के रूप में कुमार सिंहदेव निर्वाचित हुए थे। संचालक मंडल में 12 कार्यकारी सदस्यों का भी निर्वाचन किया गया था। संचालक मंडल का कार्यकाल अगस्त 2024 तक था। इसके पूर्व ही संचालक मंडल को पंजीयक, सहकारिता विभाग, रायपुर ने भंग कर दिया है।