नई दिल्ली@thetarget365 : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ बढ़ाने के ऐलान के बाद से दुनिया भर के बाजारों में बड़ा असर देखने को मिला है। कारोबारी सप्ताह के पहले दिन एशियाई शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। जापान के निक्केई में बाजार खुलते ही 225 अंकों की गिरावट दर्ज हुई। एक घंटे के बाद यह 7.1 फीसदी की गिरावट के साथ 31,375.71 पर रहा। इतना ही नहीं दक्षिण कोरिया का कोस्पी 5.5 फीसदी की गिरावट के साथ 2,328.52 पर रहा जबकि ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 भी 6.3 फीसदी की गिरावट के साथ 7,184.70 पर रहा।
बात अगर भारत के शेयर बाजार के बारे में की जाए तो अमेरिकी टैरिफ का भारतीय बाजार में भी बड़ा असर देखने को मिला है। कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सेंसेक्स 4 हजार प्वाइंट गिरा है और निफ्टी में भी 1200 प्वाइंट की गिरावट दर्ज की गई है।
हॉन्ग कॉन्ग के शेयर बाजार में भी दर्ज की गई गिरावट
आपको बता दें कि, हॉन्ग कॉन्ग के शेयर बाजार में भी तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। हॉन्ग कॉन्ग के हैंग सेंन्ग इंडेक्स में 9 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। मेरिकी नैस्डैक शुक्रवार को 6 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ था।
बता दें कि, शेयर बाजार की गिरावट पर ट्रंप ने कहा कि जो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान अन्य देशों ने अमेरिका के साथ बुरा सुलूक किया। हमारे खराब नेतृत्व की वजह से ऐसा हुआ। बता दें कि ट्रंप के ऐलान के बाद शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। अमेरिकी शेयर बाजार से लेकर एशियाई शेयर बाजार लुढ़क गए। क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन में भी तेज गिरावट हुई। इससे निवेशकों में डर बना हुआ है कि टैरिफ से महंगाई बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जा सकती है।
स्थिति और हो सकती है ख़राब
एक्सपर्ट जिम क्रेमर ने चेतावनी देते हुए कहा था कि, अमेरिकी बाजारों में 1987 जैसी तबाही मच सकती है, जबकि Dow Jones ने आज तक की सबसे बड़ी एक दिनी गिरावट देखी थी। एक टीवी शो में शामिल हुए क्रेमर ने कहा कि पहले कारोबारी दिन सोमवार को 1987 के ‘ब्लैक मंडे’ के बाद सबसे खराब एक-दिवसीय गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। जब दुनिया भर के बाजारों में भारी गिरावट आई थी, जिसका नेतृत्व अमेरिका के डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज ने किया था। उन्होंने दावा किया कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति उन देशों से संपर्क नहीं करते हैं, जिन्होंने अमेरिका पर जवाबी टैरिफ नहीं लगाए हैं तो स्थिति और खराब हो सकती है।
‘Black Monday’ क्या है ये?
बता दें कि, 19 अक्टूबर 1987 को सोमवार को दिन था और इस दिन अमेरिकी शेयर मार्केट में भारी तबाही मची थी। Dow Jones इंडस्ट्रियल एवरेज 22.6 फीसदी टूटा था। यही नहीं S&P-500 इंडेक्स में 20.4% की गिरावट आई थी और दुनियाभर में इसका असर देखने को मिला था। अब जिम क्रेमर ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ 1987 के बाद बाजार में सबसे बड़ी गिरावट ला सकते हैं।