★ रायपुर की एक मिल के जब्त कबाड़ में सूरजपुर जिले के लिए आवंटित सैकड़ों क्विंटल सरकारी किताबेें मिली
अंबिकापुर @thetarget365 पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा स्कूलों में पहली से दसवीं तक के विद्यार्थियों को निःशुल्क पुस्तकें मुहैया कराने सूरजपुर जिले में भेजी गई नई पुस्तकों को कबाड़ में बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है।मामला रायपुर में उजागर होने के बाद प्रारंभिक जांच में शिकायत सही पाई गई। सूरजपुर डीईओ ने पुस्तक गोदाम प्रभारी लिपिक समेत दो कार्यालय सहायकों को तत्काल निलंबित कर दिया है।
रायपुर के सिलियारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में स्कूलों में विद्यार्थियों को निःशुल्क पुस्तके मुहैया कराने पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा लाखों रुपये की लागत से खरीदी गई वर्तमान सत्र व पिछले सत्र की भारी मात्रा में नई पुस्तके मिलने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। मामले को कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय द्वारा उजागर करने और राज्य की भाजपा सरकार के जीरो टालरेंस के दावों पर सवाल खड़ा करने के बाद पूरे मामले में सरकार सख्त नजर आ रही है। इस मामले में पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबन्धक प्रेम प्रकाश शर्मा को निलंबित किए जाने के बाद अब सूरजपुर जिले के शिक्षा विभाग में तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि हर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा को सुलभ करने के उद्देश्य से राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत शासकीय और निजी स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा पहली से दसवीं तक के विद्यार्थियों को निःशुल्क पुस्तके मुहैया कराई जाती है। इन पुस्तकों के प्रकाशन की जिम्मेदारी पाठ्य पुस्तक निगम को सौपी गयी है। सरकारी स्कूलों में पुस्तके सीधे आपूर्ति कर दी जाती है। निजी स्कूलों के विद्यार्थियों की पुस्तकें तथा सरकारी स्कूलों की शेष बची पुस्तको की आपूर्ति शिक्षा विभाग के पुस्तक गोदाम में की जाती है। जहां से संबंधित विद्यालय को पुस्तको का वितरण किया जाता है। कहने को तो सूरजपुर जिले में 324 निजी स्कूल संचालित है, लेकिन जमीनी धरातल पर हकीकत कुछ और ही है।
सूत्रों के मुताबिक कई निजी विद्यालय सिर्फ कागजो में संचालित है और कथित स्कूल संचालक आरटीई योजना का लाभ उठाने फर्जी दर्ज संख्या दर्शाकर आरटीई योजना से आर्थिक लाभ अर्जित कर शासन को चूना लगा रहे हैं।
40 क्विंटल पुस्तकें कबाड़ में बिकी
रायपुर के एक पेपर मिल में पकड़ी गई पाठ्य पुस्तक निगम की नई पुस्तको की जांच में पर्दाफाश हुआ कि शशिकांत ट्रेडर्स नामक फर्म द्वारा सूरजपुर जिले की 40 क्विंटल नई पुस्तके कबाड़ में बेची गई है। यह बात सामने आने के बाद कलेक्टर सूरजपुर ने जांच शुरू करा दी है। कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देश पर सूरजपुर एसडीएम जगन्नाथ वर्मा ने शिक्षा विभाग के पुस्तक गोदाम की जांच की और उन्होंने प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी पाते हुए कलेक्टर को जांच प्रतिवेदन सौप दिया है।
प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी की पुष्टि
सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी रामललित पटेल ने भी मामले की जांच की। जांच में नई पुस्तको को कबाड़ में बेचे जाने की प्रारंभिक जांच में पुष्टि होने पर उन्होंने कलेक्टर के निर्देश पर शिक्षा विभाग के गोदाम प्रभारी प्रमोद अमरबेल एक्का लिपिक समेत कार्यालय सहायक जितेंद्र साहू व अजित गुप्ता को निलंबित कर दिया है। निलंबन आदेश में उल्लेखित किया गया है कि एसडीएम के जांच प्रतिवेदन के मुताबिक गोदाम प्रबंधन द्वारा वर्ष 2021-22 व 2023-24 की गणित, विज्ञान, नैतिक शिक्षा, होमवर्क करने संबंधित करीब 3500 से 4000 किलोग्राम नई किताबें रद्दी के नाम पर शशिकांत ट्रेडर्स ग्राम वीरपुर पोस्ट सिलफिली को आर्थिक लाभ लेकर बिक्री कर दी गई है। यह कृत्य घोर अपराध की श्रेणी में आता है।
पांच सदस्यीय टीम करेगी मामले की जांच
सूरजपुर कलेक्टर ने इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है। संयुक्त कलेक्टर नरेंद्र पैकरा की अध्यक्षता में डीएमसी शशिकांत समेत सहायक संचालक शिक्षा लता बेक, रविंद्र सिंहदेव व एपीसी शोभनाथ चौबे मामले की जांच करेंगे।
मामले की प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर गोदाम प्रभारी व दो कार्यालय सहायकों को निलंबित कर दिया गया है। जांच प्रतिवेदन भी डीपीआई को भेज दिया गया है। पुस्तकों की गड़बड़ी की जांच करने के लिए गोदाम में स्टाक का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। जांच प्रतिवेदन में दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
रामललित पटेल
जिला शिक्षा अधिकारी
सूरजपुर