अंबिकापुर @thetarget365 छठ पर्व की धूमधाम शहर के सभी घाटों में देखने को मिली। स्थानीय घाटों पर भक्तों का जनसमूह सुबह-सुबह सूर्य उदय की प्रतीक्षा में उपस्थित हुआ। व्रती महिलाएं एवं पुरुष ठंडे पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित किए और छठी मैया से अपने परिवार की खुशहाली और संतानों की दीर्घायु की कामना करते देखे गए। इस अवसर पर घाटों पर दीप जलाए गए और चारों ओर भक्तिमय वातावरण बना रहा।
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छठ पर्व का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर होता है, जो जीवन में आशा, ऊर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक है। अंबिकापुर में छठ पर्व का समापन श्रद्धा और उल्लास के साथ किया गया। शहर के शंकर घाट, घुनघुट्टा नदी घाट, पैलेस छठ घाट, श्रीराम घाट, शिवधारी तालाब, मैरीन ड्राइव तालब, जेल तालाब, खैरबार तालाब, बौरीबांध तालाब में श्रद्धालुओं की जमकर भीड़ उमड़ी। इस बार भी स्थानीय छठ पूजा समितियों ने प्रशासन के सहयोग से सुरक्षा एवं स्वच्छता की अच्छी व्यवस्था की थी। जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा।
छठ पर्व के दौरान व्रतियों द्वारा सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा का विधान अत्यंत कठिन होता है। इस व्रत में बिना पानी के उपवास रखा जाता है, जो व्रतियों के दृढ़ संकल्प और आस्था को दर्शाता है। खासकर महिलाएं इस व्रत को पूरी निष्ठा के साथ निभाती हैं, जिनमें एक अनोखी शक्ति और धैर्य देखने को मिलता है।
छठ पर्व भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण एवं पवित्र त्योहार है, जो विशेषकर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के क्षेत्रों में अत्यंत श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस पर्व में श्रद्धालु सूर्य देवता की आराधना करते हैं और उन्हें अर्घ्य अर्पित कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। यह पर्व कुल चार दिनों का होता है, जो नहाय-खाय से आरंभ होकर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होता है।