Chhattisgarh Congress : छत्तीसगढ़ कांग्रेस में कथित अंदरूनी खींचतान की खबरों पर विराम लगाते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे ने स्पष्ट कहा है कि मीडिया में चल रही चर्चाएं भ्रामक और तथ्यहीन हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को पूरी पार्टी का समर्थन प्राप्त है और वे भाजपा सरकार के खिलाफ मजबूती से संघर्ष कर रहे हैं।
भूपेश बघेल के जन्मदिन पर दिए बयान पर दी सफाई
हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन पर रविंद्र चौबे के एक बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी थी। चौबे ने कहा था कि “भूपेश बघेल पार्टी का नेतृत्व करें,” जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके जवाब में दीपक बैज ने उन्हें “महाज्ञानी नेता” कहकर प्रतिक्रिया दी थी। अब इस बयान पर सफाई देते हुए चौबे ने कहा, “मैंने कहा था कि भूपेश बघेल राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के लिए कार्य कर रहे हैं। आने वाले समय में वे फिर से छत्तीसगढ़ में सक्रिय भूमिका निभाएंगे और दीपक बैज का हाथ मज़बूत करेंगे।”
कांग्रेस में “कलेक्टिव लीडरशिप” की परंपरा
रविंद्र चौबे ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से “कलेक्टिव लीडरशिप” की परंपरा में विश्वास करती है। उन्होंने 2018 के चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव और चरणदास महंत के नेतृत्व में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी। चौबे ने आगे कहा,“आज भी हमारी टीम मजबूत है – दीपक बैज प्रदेश अध्यक्ष हैं, चरणदास महंत नेता प्रतिपक्ष हैं, भूपेश बघेल राष्ट्रीय महासचिव हैं, टीएस सिंहदेव वरिष्ठ नेता हैं और ताम्रध्वज साहू CWC के सदस्य हैं। हम सभी मिलकर कलेक्टिव लीडरशिप में काम कर रहे हैं।”
अंदरूनी विवाद की बातों को किया खारिज
रविंद्र चौबे ने मीडिया में चल रही उन रिपोर्टों को भी खारिज किया जिसमें दावा किया गया था कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में गुटबाजी चल रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पार्टी एकजुट है और आने वाले विधानसभा चुनाव में यही एकजुटता भाजपा को हराने में मदद करेगी। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में कथित खींचतान की खबरों को वरिष्ठ नेता रविंद्र चौबे ने सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने पार्टी की रणनीति को संयुक्त नेतृत्व (कलेक्टिव लीडरशिप) का नाम देते हुए कहा कि कांग्रेस पूरी ताकत के साथ 2025 के चुनाव की तैयारी कर रही है। इससे यह साफ होता है कि कांग्रेस का फोकस आपसी मतभेदों पर नहीं, बल्कि भाजपा को सत्ता से बाहर करने पर है।