अंबिकापुर @thetarget365 छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) अंबिकापुर कार्यालय में करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। आरटीआई कार्यकर्ता और अधिवक्ता डीके सोनी द्वारा दायर शिकायत के आधार पर, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने थाना अंबिकापुर को संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
शिकायत के अनुसार, मेसर्स आरके एसोसिएट्स, मैट्रिक्स सर्विसेज और गुरुकृपा ग्रुप द्वारा वेतन से की गई ईपीएफ, बोनस और ईएसआईसी की कटौती का लाभ कर्मचारियों को नहीं मिला। वहीं, फर्जी चालानों और कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपये का भुगतान ठेकेदारों को कर दिया गया।
जांच में सामने आया कि अगस्त 2020 से फरवरी 2022 तक ठेकेदारों को 14,50,473 रुपये, 13,07,875 रुपये और 1,32,52,783 रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया। इसके अलावा, मैट्रिक्स सर्विस को 29,48,036 रुपये का फर्जी भुगतान भी किया गया। कुल मिलाकर कंपनी को 1,82,86,907 रुपये की आर्थिक क्षति हुई।
कार्यपालन निदेशक की रिपोर्ट के अनुसार, संबंधित अधिकारियों ने बिना दस्तावेजों की जांच किए देयक पारित किए। ईपीएफ और ईएसआईसी चालानों का सत्यापन किए बिना भुगतान किया गया, जिससे सरकारी राशि का दुरुपयोग हुआ। न्यायालय ने इसे प्रथम दृष्टया गंभीर अपराध मानते हुए थाना अंबिकापुर को भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 120बी के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
यह मामला सरकारी विभागों में ठेकेदारी के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार और लापरवाही का ज्वलंत उदाहरण है, जिसमें उच्चस्तरीय मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। पुलिस को दो सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।