अंबिकापुर। रविवार को मसीही समाज ने पाम संडे श्रद्घाभाव से मनाया। हाथों में खजूर की डालियां लेकर मसीही समाज के लोगों ने नवापारा चर्च में परंपरा का निर्वहन किया। मसीही समुदाय द्वारा 40 दिनों के उपवास और परहेज की अवधि का अंतिम पवित्र सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। जिसमें सप्ताह भर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होते हैं। इस धार्मिक अनुष्ठान में पाम संडे, गुड फ्राइडे व इस्टर का महत्वपूर्ण स्थान है।
इस अवसर पर बिसप स्वामी अंतोनिस बड़ा ने कहा कि पाम संडे उस दिन की याद में मनाया जाता है। जब येरूशलम नगरवासी तथा उनके शिष्यगणों ने ईसा की जय-जयकार का नारा लगाते हुए उनका भव्य स्वागत किया। उन्हें अपना राजा बनाने के लिए आव्हान किया। उसी घटना की स्मृति में मसीहीजन अपने हाथों में खजूर की कोमल डालियां लिए ईसा की जय-जयकार करते हुए पारंपरिक रूप से हर वर्ष पवित्र सप्ताह के प्रथम दिन अर्थात पाम संडे को भव्य जुलूस निकालते हैं। मसीही समाज के लोगों ने चर्च में पाम संडे का सारा अनुष्ठान पूरा किया। बिशप हाउस में अंबिकापुर धर्म प्रांत के धर्माध्यक्ष ने सर्वप्रथम खजूर की डालियों पर पवित्र जल छिड़क कर आशीष दी। इस अवसर पर बिशप ने अपने संदेश में कहा कि अपनी मृत्यु के पूर्व प्रभु ईसा मसीह ने एक विजयी राजा के समान येरूसलेम में प्रवेश किया था। जनता ने भी दिल खोलकर उनका स्वागत कर अपना राजा स्वीकार किया था, लेकिन शासन-प्रशासन के कुछ लोगों को उनका येरूसलेम प्रवेश खटक रहा था। इसी दिन से उनकी मृत्यु की साजिश में ये लोग लग गए थे। इस तरह प्रभु ईसा के विजयवान येरूसलेम प्रवेश ने ही उनके दुःखभोग व मृत्यु का रास्ता खोल दिया था। अंबिकापुर धर्म प्रांत ने कहा कि हम सभी को ईसा मसीह के आदर्शो पर चलने की जरूरत है। ईसा मसीह के बिना हमारी पहचान नहीं है। वही रविवार को ईसा मसीह के पुर्नजीवन की याद में इस्टर पर्व (गुडफ्राइडे) मनाया जाए। इससे पूर्व आज पाम संडे पर इसाई समुदाय के लोगों ने शहर में भव्य रैली निकाली।