अंबिकापुर। शहर के सर्किट हाउस के सभागार में मुख्य अतिथि कलेक्टर सरगुजा एवं विशिष्ट अतिथियों उमाशंकर त्रिपाठी अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली, डा. एसके सिन्हा प्राचार्य जवाहर नवोदय विद्यालय खलिबा, डा. आशा शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार एवं वेद प्रकाश अग्रवाल वरिष्ठ साहित्यकार द्वारा कोमल सोनी के सद्य प्रकाशित काव्य संग्रह ‘सनद रहे’ का विमोचन किया गया। जिसकी प्रशंसा यहाँ मौजूद वरिष्ठजनों ने की।
कोमल सोनी मूलतः जयपुर, राजस्थान की निवासी हैं और जवाहर नवोदय विद्यालय सरगुजा में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षिका, हिंदी के पद पर सेवारत हैं। राजस्थान साहित्य अकादमी के सहयोग द्वारा प्रकाशित यह उनका प्रथम काव्य संग्रह है। सनद रहे की कविताएँ स्त्री अवचेतन के कोमल भावों का सुंदर शब्द चित्रण है। यह संकलन जल, जीवन, पेड़, नदी और नारी के पक्ष में सकारात्मक आंदोलन है। कविताओं में स्त्री चेतना का स्वर मुखर होकर समाज से संवाद करता है। कविताओं की भाषा सहज, सरल और अविरल प्रवाहित है। कोमल सोनी द्वारा रचित सनद रहे काव्य संग्रह की प्रशंसा करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार वेद प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि कवि किसी वस्तु या स्थिति को दो भावों से देखता है। एक सामान्य, दूसरा अपने मन के भाव से और जब मन के भाव शब्दों में पिरोए जाते हैं, तब कविता बनती है। ऐसे में ‘सनद रहे’ काव्य संग्रह पाठकों को अपने ही मन की अभिव्यक्ति सदृश लगेगा और वे इसे अपना स्नेह देंगे। इसी तरह वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिपाठी ने कहा कि कवि के भाव को समझना उनके शब्दों द्वारा आसान होता है। जब कवि के शब्द सहज, सरल हो तो पाठक तक बेहतर पहुँच बनाता है। ऐसे में कोमल सोनी की कविताएँ सरल एवं प्रवाहमय शब्दों में हैं निश्चित ही ये कविता संग्रह अपनी गहरी पैठ पाठकों में बनाएगा। नवोदय विद्यालय के प्राचार्य डा. एसके सिन्हा ने कोमल सोनी को एक बेहतर शिक्षिका तो बताया ही साथ ही साथ उनकी कविताओं की भी सराहना की। प्राचार्य ने कहा कि ये बड़े हर्ष और गर्व की बात है कि हमारे विद्यालय की शिक्षिका ने यह काव्य संग्रह रचा है ये उनकी साहित्य के प्रति रूचि, समर्पण, सकारात्मक सोच एवं मेहनत का परिणाम है। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. आशा शर्मा ने सनद रहे को लेकर कहा कि एक काव्य संग्रह में प्रकृति प्रेम से लेकर महिला के संघर्ष की कहानी को पिरो पाना इतना आसान नहीं लगता मगर कोमल सोनी ने ये न सिर्फ संभव कर दिखाया बल्कि उनकी रचनाएँ अचेत मन पर भी अपनी गहरी छाप छोड़ने वाली हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलेक्टर भोस्कर विलास संदीपन ने कहा कि कविताएँ सम सामयिक स्थिति को आईने की तरह सामने रखती हैं और कविताओं में वो ताकत होती है कि वो शब्दो से ही आंदोलन खड़ा कर सकती है। उन्होंने कहा कि वे कवि तो नहीं मगर कविताओं की पंक्तियां ये बयां कर रही हैं कि कवयित्री कोमल सोनी जी ने सालों की कड़ी मेहनत से अपने भावों को अहम से वयम तक के स्तर पर ले जाकर मौजूदा स्थिति और समाज को जगाने वाले शब्दों को सजाकर पुस्तक रूप में साकार किया है। कोमल सोनी ने कहा कि वे अपने इस काव्य-संग्रह के साकार रूप का श्रेय अपने पति एवं पिता को देना चाहती हैं जिनकी प्रेरणा एवं सहयोग के बिना ये संभव नहीं था। कार्यक्रम का कुशल संचालन एसके सुमन ने किया।