अंबिकापुर (thetarget365)। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाईट) अंबिकापुर में प्रशिक्षण के दौरान गत माह भूमिगत टँकी में 4 वर्षीय बालिका के डूब जाने से मौत के मामले में पुलिस द्वारा अब तक कार्यवाही नहीं किये जाने से क्षुब्ध मृतिका की मां ने न्यायालय में परिवाद दायर किया है।
अधिवक्ता धनंजय मिश्रा ने आवेदिका कलावती आ. ननकू सिंह 39 वर्ष, निवासी लखनपुर, सरगुजा की ओर से मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी के न्यायालय में परिवाद दाखिल किया है। अधिवक्ता मिश्रा ने बताया कि आवेदिका कलावती ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि वह सहायक शिक्षक के पद पर शासकीय प्राथमिक शाला भण्डारपारा बेलदगी विकासखण्ड लखनपुर के पद पर पदस्थ है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी लखनपुर के आदेश के तहत् एफएलएन प्रशिक्षण में दिनांक-11 मार्च 2024 से 13 मार्च 2024 तक प्रशिक्षण में भाग लेने अपनी 4 वर्षीय पुत्री ध्वनि को साथ लेकर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाईट) अंबिकापुर में आयी थी। प्रशिक्षण के दूसरे दिन 12 मार्च 2024 को आवेदिका कलावती जब प्रशिक्षण ले रही थी, उसकी 4 वर्षीय पुत्री ध्वनि प्रशिक्षण कक्ष एवं उसके बाहर आंगन में खेल रही थी। डाइट आंगन में संस्था के तीन चपरासी बाहर बैठे हुए थे। इसी बीच उसकी पुत्री ध्वनि खेलते-खेलते अचानक गायब हो गई। जब कलावती ने प्रशिक्षण कक्ष की खिड़की से बाहर की ओर अपनी बच्ची को खेलता नहीं पायी, तब वह संस्था की तात्कालीन प्राचार्या से उसे ढूंढने में मदद करने निवेदन किया, साथ ही प्राचार्या को संस्था में लगे सीसी टीव्ही. के माध्यम से उसकी पुत्री को खोजने का कई बार निवेदन किया। परन्तु प्राचार्या द्वारा जानबूझकर कलावती के निवेदन को ठुकरा दिया गया तथा संस्था में लगे सीसी टीव्ही के फुटेज को तुरन्त नहीं देखा गया।
अधिवक्ता धनंजय मिश्रा ने आगे बताया कि आवेदिका एवं उसके सह-प्रशिक्षणार्थियों द्वारा आवेदिका की पुत्री को काफी खोजने का प्रयास किया गया, परन्तु वह नहीं मिल रही थी। कुछ देर बाद एक शिक्षक की नजर संस्था के आंगन में असुरक्षित ढंग से बने भूमिगत् पानी टंकी पर पड़ी। उक्त भूमिगत् टंकी का ढक्कन नहीं लगा हुआ था। कलावती एवं अन्य शिक्षकों द्वारा उक्त टंकी में झांकने पर प्लाई का टुकड़ा टंकी के अन्दर टूटकर गिरा हुआ था। संस्था में अध्ययनरत् एक छात्र को टंकी में कलावती की पुत्री को खोजने उतारा गया, तो आवेदिका की पुत्री का शरीर पानी के उपर आ गया, उस समय आवेदिका की पुत्री ध्वनि की सांसे चल रही थी। कलावती अपनी पुत्री को तत्काल महावीर अस्पताल लेकर गई, जहां डॉक्टर ने पुत्री ध्वनि की चिकित्सकीय जाँच के बाद मृत घोषित कर दिया।
दायर परिवाद में कलावती ने आरोप लगाया है कि प्राचार्या द्वारा तुरन्त अपनी संस्था में लगी सीसी टीव्ही. कैमरे की जांच करा दी गई होती, तो उसकी पुत्री ध्वनि लंबी अवधि तक पानी में डूबने से उसकी मृत्यु नहीं होती। संस्था में बनाये गये भूमिगत् पानी टंकी को बिना ढंककर रखा गया था तथा उस टंकी के पास किसी प्रकार का कोई घेरा एवं चेतावनी व संकेतक लगाकर नहीं रखा गया था, इसलिए यह उपेक्षा संस्था की प्राचार्या को उनके पदीय कर्तव्यों में घोर लापरवाही एवं उपेक्षापूर्ण दायित्व को दर्शाता है। कलावती की ओर से परिवाद दाखिल कर रहे अधिवक्ता धनंजय मिश्रा ने बताया कि कलावती ने संस्था में हुए उपरोक्त घटना से संबंधित सीसी टीव्ही. फुटेज हेतु थाना गांधीनगर में आवेदन देकर उक्त फुटेज की मांग की गई थी, तथा 24 मार्च को अनावेदिका संस्था की तात्कालीन प्राचार्या शशि सिंह के विरुद्ध थाना गांधीनगर में एक शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया था, जिस पर गांधीनगर पुलिस द्वारा कोई भी संज्ञान अथवा कार्यवाही अनावेदिका के विरुद्ध नहीं किया गया। इसके बाद कलावती ने कलेक्टर सरगुजा को कार्यवाही हेतु एक शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया गया था। उपरोक्त सभी आवेदनों पर पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही आज पर्यन्त तक नहीं की गई है।
अधिवक्ता मिश्रा ने कहा कि पुलिस द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार की कोई भी कार्यवाही नहीं होने से इस मामले में कलावती की ओर से न्यायायल में परिवाद प्रस्तुत किया जा रहा है। आवेदिका की पुत्री ध्वनि की मृत्यु अनावेदिका के उपेक्षा पूर्ण दायित्व निर्वहन के कारण हुई है, इसलिए अनावेदिका भारतीय दण्ड संहिता की धारा 304 ए के तहत् अपराधी / आरोपिया है, उनपर अपराध दर्ज कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।