अंबिकापुर। आदिवासी छात्रावास में कक्षा आठवी के छात्र के आत्महत्या के लिए सीधे तौर पर आदिवासी विकास विभाग दोषी है। सिर्फ छात्रावास अधीक्षक को निलंबित किया जाना पर्याप्त नहीं है। मण्डल संयोजक और सहायक आयुक्त पर कार्यवाही होनी चाहिए। उक्त बातें आज आदिवासी छात्रावास दरिमा का निरीक्षण करने पहुंची कांग्रेस जांच टीम ने कही।
पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव व जिला पंचायत उपाध्यक्ष और शिक्षा समिति के अध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव के निर्देश पर कांग्रेस की जांच टीम ने छात्रावास, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता, जिला पंचायत सदस्य अनिमा केरकेट्टा, जनपद अध्यक्ष ननकी सिंह, उपाध्यक्ष विशुन दास, प्रवक्ता आशीष वर्मा दरिमा, बकालो और करजी के सरपंच जांच टीम में शामिल थे। मृत छात्र के परिजनों, छात्रावास के बच्चों, निलंबित छात्रावास अधीक्षक, संबंधित स्कूल की प्रधान पाठिका और स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सको के बयान से यह साफ है की रविवार के बाद से मृतक मुकेश तिर्की पेट दर्द से स्कूल नहीं गया था। बुधवार को दोपहर उसकी लाश हॉस्टल के कमरे में मिली। छात्रों ने बताया अधीक्षक हॉस्टल में नहीं रहते थे। घटना के दिन भी स्कूल से लौटने के बाद सहपाठी छात्रों ने दरवाजा खोल कर लाश फंदे से उतारा। निलंबित अधीक्षक भूपेश कश्यप के मुताबिक जब बच्चों ने अस्पताल में इसकी सूचना देने गए तब वहां एक भी स्टाफ नहीं था। आनन फानन में कमरा क्रमांक पांच में रहने वाले सभी छात्रों को घर भेज दिया गया है। निलंबित अधीक्षक हॉस्टल के सारे रिकॉर्ड लेकर घर पर थे। मांगने के कई घण्टे बाद वे आधे अधूरे दस्तावेज के साथ उपस्थित हुए। मासूम मुकेश तिर्की की आत्महत्या के लिए एसडीएम और आदिवासी विकास विभाग द्वारा भी जांच की जा रही है। मृतक मुकेश के स्कूल की प्रधान पाठक ने उसके 3 दिन से स्कूल न आने और पेट मे दर्द रहने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया हॉस्टल का वातवरण कुछ ठीक नहीं था। कई बार छात्रों के न आने पर शिक्षक को हॉस्टल भेजा जाता था पर अधीक्षक से यथोचित सहयोग नहीं मिलता था। कांग्रेस की टीम अपनी रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को सौपेगी। जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा है जिला पंचायत की शिक्षा समिति सभी हॉस्टलों की जांच करा लापरवाह अधीक्षकों और अधिकारियों पर कार्यवाही करेगी।
हमे और भी काम है: मण्डल संयोजक
छात्रावास की निरीक्षण की जिम्मेदारी मंडल संयोजक की है। मगर मंडल संयोजक पिछले 3 महीने से एक भी बार छात्रावास का निरीक्षण करने नहीं पहुंचे।कारण पूछने पर उन्होंने साफ कहा मुझे और भी काम है, प्रधानमंत्री जन मन योजना के बाद अब महतारी वंदन में ड्यूटी लगाई गई है इससे समय ही नहीं मिल पाता।
अस्पताल में चिकित्सकों की कमी
समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सको की कमी है। ड्यूटी में मौजूद डॉक्टर ने बताया हॉस्टल में छात्र की मौत की सूचना उन्हें मिली तब वे पोस्टमार्टम कर रहे थे। किसी एक डॉक्टर के व्यस्त रहने पर अस्पताल खाली हो जाता है। छह महीने पहले यहां सात डॉक्टर पदस्थ थे। दो डॉक्टर बांड अवधि पूरा होने पर चले गए उनके स्थान पर कोई नही आया। महिला चिकित्सक को शहरी स्वास्थ्य केंद्र अंबिकापुर में एक अन्य को पुलिस लाइन अस्पताल भेज दिया गया है।