प्रतापपुर (thetarget365)। मेहनत कर जीवन यापन करने वाले मजदूरों का ठेकेदार व सरपंच सचिवों ने लाखों रुपए का मजदूरी भुगतान रोक रखा है। मजदूरों द्वारा जनपद पंचायत सीईओ, एसडीएम व कलेक्टर तक से मजदूरी दिलाने को लेकर गुहार लगाई जा चुकी है। पर न्याय व्यवस्था का यह आलम है कि मजदूरों की कहीं पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
थक हार कर मजदूरों ने अब प्रतापपुर भाजपा मंडल अध्यक्ष अक्षय तिवारी को मजदूरी के बकाया भुगतान से संबंधित समस्त विवरण सौंपते हुए भुगतान दिलाने मांग की है। इस विषय को लेकर मंडल अध्यक्ष तिवारी ने प्रतापपुर एसडीएम ललीता भगत से चर्चा कर मामले में जल्द कार्रवाई करने का आग्रह किया है। एसडीएम ने सोमवार को मामले की जांच करने का आश्वासन दिया है।
दरअसल मामला यह है कि आज से दो वर्ष पूर्व एक ठेकेदार ने विभिन्न ग्राम पंचायतों में वहां के सरपंच सचिवों के साथ मिलकर आंगनबाड़ी भवनों में जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत पंप फिटिंग व पाइप लाइन फिटिंग के कार्य कराए थे। आंगनबाड़ी भवनों में हुए इन कार्यों को उक्त ठेकेदार व सरपंच सचिवों के कहने पर प्लंबर का काम करने वाले प्रतापपुर विकासखंड के ग्राम बैकोना निवासी सज्जन सिंह ने अपने साथी मजदूरों भोला सिंह, रिंकू, अतुल सिंह, शिव कुमार, विदुर, विजय, देव कुमार, रामकेवल, छोटू, सुधारण सिंह, नकुल सिंह, रामकुमार, मदन सिंह, जीवधन, विक्रम, रितेश, बजरंग, कबीर, राकेश, धनेश्वर, बबलू, अखिलेश व सुबराज के साथ मिलकर कुल सात ग्राम पंचायत के आंगनबाड़ी भवनों में चार लाख 90 हजार नौ सौ रुपए के पंप व पाइप लाइन फिटिंग के कार्य किए थे। जिनमें गोटगवां में एक लाख 29 हजार सात सौ, जगन्नाथपुर में 97 हजार, बरपटिया में 92 हजार पांच सौ, केरता में एक लाख पांच हजार, बोझा में 37 हजार एक सौ, मायापुर 2 में 16 हजार सहित सुखदेवपुर में 13 हजार छह सौ रुपए का कार्य करना शामिल है। प्लंबर सहित मजदूरों द्वारा जब बार बार मांगने के बाद भी उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं मिला तो उन्होंने 28 फरवरी 2024 को जनपद पंचायत सीईओ से भुगतान रोकने वालों की नामजद शिकायत की पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद 1 मार्च 2024 को प्रतापपुर एसडीएम से शिकायत की गई फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार परेशान हो चुके मजदूरों ने 10 जून 2024 को आयोजित जन चौपाल में सूरजपुर कलेक्टर के समक्ष मजदूरी का भुगतान दिलाने गुहार लगाई। पर अजीब विडंबना है कि मजदूरों की इतनी कोशिशों के बाद भी अभी तक उन्हें न्याय नहीं मिल सका है।