★ नगर निगम में गंगाजल छिड़काव की घोषणा और खुद को “पहली हिंदू महापौर” बताने का मामला
अंबिकापुर @thetarget365 नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत के बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। उनके द्वारा नगर निगम में गंगाजल छिड़काव की घोषणा और खुद को “पहली हिंदू महापौर” बताने पर जिला कांग्रेस कमेटी ने कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने इस बयान को नफरत फैलाने वाला और छुआछूत की भावना से प्रेरित करार देते हुए इसकी निंदा की है।
कांग्रेस पार्षदों ने दी शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार की चेतावनी
कांग्रेस ने मांग की है कि महापौर मंजूषा भगत सार्वजनिक रूप से माफी मांगें, अन्यथा पार्टी के पार्षद शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करेंगे। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगर नगर निगम पिछले 10 वर्षों से “अशुद्ध” था, तो इसमें भाजपा और मंजूषा भगत स्वयं भी बतौर पार्षद भागीदार रही हैं।
महापौर के बयान को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
कांग्रेस ने कहा कि पूर्व महापौर डॉ. अजय तिर्की अपने सौम्य स्वभाव और मानवीय मूल्यों के लिए पहचाने जाते हैं। उनके कार्यकाल पर इस तरह की टिप्पणी करना राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है। साथ ही, मंजूषा भगत का यह कहना कि वे “पहली हिंदू महापौर” हैं, पूर्व महापौर प्रबोध मिंज और डॉ. अजय तिर्की पर सवाल उठाने जैसा है।
2 मार्च को होगा शपथ ग्रहण, सीएम होंगे शामिल
अंबिकापुर की नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत ने शनिवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात कर उन्हें 2 मार्च रविवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है। जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया। सीएम की सहमति के बाद कार्यक्रम को भव्य रूप देने भाजपा सरगुजा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। नव निर्वाचित महापौर और पार्षदों के शपथ ग्रहण का आयोजन स्थानीय हॉकी ग्राउंड, पीजी कॉलेज मैदान अंबिकापुर में किया जा रहा है।
कानूनी कार्रवाई की तैयारी में कांग्रेस
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा के “नफरत फैलाने वाले एजेंडे” को मंजूषा भगत आगे बढ़ा रही हैं। पार्टी ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई पर विचार करने की बात भी कही है।
फिलहाल, भाजपा या महापौर मंजूषा भगत की ओर से इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने अंबिकापुर की राजनीति को गरमा दिया है।