अंबिकापुर @thetarget365 छत्तीसगढ़ में नियुक्त लगभग 3,000 बीएडधारी सहायक शिक्षकों की नौकरी पर संकट गहराता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त 2023 के आदेश में प्राथमिक शालाओं के लिए केवल डीएड धारियों को योग्य माना गया है, जबकि बीएड धारियों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इस फैसले के बाद बीएडधारी सहायक शिक्षकों की नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं।
प्रदेश में 2023 में नियुक्त बीएडधारी सहायक शिक्षक पिछले 15 महीने से प्राथमिक शालाओं में सेवाएं दे रहे हैं। हाईकोर्ट के फैसले के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इन शिक्षकों को कभी भी नौकरी से हटाया जा सकता है।
इस संकट के समाधान की मांग को लेकर तीन हजार से अधिक बीएडधारी सहायक शिक्षकों ने अंबिकापुर से रायपुर तक की पदयात्रा शुरू की है। यह “अनुनय पदयात्रा” रायपुर पहुंचकर समाप्त होगी, जहां शिक्षक प्रदेश सरकार से अपनी नौकरी की सुरक्षा के लिए बीच का रास्ता निकालने की गुहार लगाएंगे।
बीएडधारी सहायक शिक्षकों की प्रमुख मांग है कि सरकार उन्हें समायोजित कर उनकी नौकरियों को सुरक्षित करे। उनका कहना है कि इतने लंबे समय तक सेवाएं देने के बाद अचानक नौकरी से हटाया जाना अन्यायपूर्ण होगा।
शिक्षकों का यह आंदोलन प्रदेश सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है, क्योंकि उनकी मांगें सीधे रोजगार और शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी हुई हैं। अब देखना यह है कि सरकार इस गंभीर समस्या का क्या समाधान निकालती है।