सक्ति @thetarget365 एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) बिलासपुर ने आदिवासी विकास विभाग, सक्ती के जैजैपुर कार्यालय में पदस्थ मंडल निरीक्षक संदीप खांडेकर को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने एक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को पुनः सेवा में बहाल करने के एवज में 1.50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता ने रिश्वत देने की बजाय ACB में शिकायत दर्ज कराई और कार्रवाई के दौरान आरोपी को पकड़वाया।
क्या है पूरा मामला ?
शिकायतकर्ता राजेंद्र जांगड़े, ग्राम कुटराबोड़, जिला सक्ती के अनुसार, उसका बेटा अनुसूचित जाति बालक आश्रम कुटराबोड़ में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में चौकीदारी और रसोइया का कार्य करता था। कुछ अज्ञात लोगों ने छात्रावास में लगे इलेक्ट्रिक बोर्ड को तोड़ दिया, जिसके चलते उसके बेटे को सेवा से हटा दिया गया।
बाद में जब राजेंद्र जांगड़े ने मंडल निरीक्षक संदीप खांडेकर से संपर्क किया, तो उन्होंने पुनः बहाली के बदले 1.50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। शिकायतकर्ता रिश्वत देना नहीं चाहता था, बल्कि ACB की मदद से आरोपी को पकड़वाना चाहता था।
ACB ने आरोपी को रंगेहाथ पकड़ा
ACB ने शिकायत की पुष्टि के दौरान 1 लाख रुपये में सौदा तय कराया। इसके बाद आरोपी ने पहली किश्त के रूप में 50,000 रुपये पहले ही ले लिए थे। आज, दिनांक 28 मार्च 2025 को जब आरोपी बची हुई 50,000 रुपये की दूसरी किश्त ले रहा था, तब ACB की टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।
आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
गिरफ्तारी के बाद आरोपी मंडल निरीक्षक संदीप खांडेकर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई के बाद आदिवासी विकास विभाग में हड़कंप मच गया है और आगे भी जांच जारी रहने की संभावना है।