बिहार चुनावी सरगर्मियों के बीच समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर ब्लॉक से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर एक निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। यह मामला उस समय प्रकाश में आया है, जब राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर विपक्ष पहले से ही सरकार पर निशाना साध रहा है।
29 जुलाई को किया गया था आवेदन
वायरल हो रहे निवास प्रमाण पत्र में डोनाल्ड ट्रंप को बिहार के मोहिउद्दीननगर का निवासी बताया गया है। इस दस्तावेज़ पर ट्रंप की तस्वीर और कुछ फर्जी व्यक्तिगत जानकारी भी दर्ज है। आवेदन की तारीख 29 जुलाई 2025 है। यह प्रमाण पत्र ऑनलाइन सिस्टम के जरिए बनाया गया था, जिससे सरकारी व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई, FIR दर्ज
मामला सामने आते ही प्रशासन ने तत्परता दिखाई। मोहिउद्दीननगर के राजस्व अधिकारी ने 4 अगस्त 2025 को ही इस आवेदन को रद्द कर दिया और इसकी शिकायत समस्तीपुर साइबर थाना में दर्ज कराई गई। इस फर्जीवाड़े के पीछे किसका हाथ है, इसकी जांच जारी है, लेकिन FIR अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दर्ज हुई है।
SIR पर विपक्ष का विरोध, ट्रंप की एंट्री से बढ़ा विवाद
इस ताजा घटना ने राज्य में चल रहे SIR को लेकर विवाद को और गहरा कर दिया है। विपक्ष पहले ही आरोप लगा रहा है कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में भारी अनियमितताएं हो रही हैं। कुछ दिन पहले ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से उनका नाम गायब है।
‘डॉग बाबू’ के बाद अब ‘ट्रंप बाबू’
यह पहली बार नहीं है जब बिहार में ऐसे फर्जी प्रमाण पत्र का मामला सामने आया हो। इससे पहले ‘डॉग बाबू’ के नाम से भी एक निवास प्रमाण पत्र बनाया गया था, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई थी। अब ‘डोनाल्ड ट्रंप’ के नाम पर दस्तावेज़ जारी होने से SIR की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
प्रशासन सतर्क, साइबर निगरानी बढ़ाई गई
प्रशासन ने इस मामले के बाद सभी आवेदनों की जांच और निगरानी तेज कर दी है। साथ ही IT सेल और साइबर क्राइम यूनिट को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह घटना SIR प्रक्रिया को बदनाम करने या बाधित करने की साजिश भी हो सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर बिहार में बना निवास प्रमाण पत्र भले ही मजाक लगे, लेकिन यह चुनाव प्रणाली और प्रशासनिक पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। आने वाले दिनों में इस पर राजनीति और तेज हो सकती है, खासकर जब राज्य SIR और आगामी चुनावों की तैयारी में जुटा है।