Earthquake New York: अमेरिका के प्रमुख महानगर न्यूयॉर्क में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यह पिछले तीन दिनों में दूसरी बार है जब शहर की धरती कांपी है। अचानक आए इन झटकों ने आम लोगों को डरा दिया और कई इलाकों में लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 मापी गई। इसका केंद्र न्यू जर्सी के पास सतह से करीब 10 किलोमीटर नीचे था। झटके स्थानीय समय अनुसार सुबह के समय महसूस किए गए, जब अधिकांश लोग अपने घरों में या कार्यालय जाने की तैयारी में थे।
शहर के कई हिस्सों में अचानक महसूस हुए कंपन से लोग दहशत में आ गए। ब्रुकलिन, मैनहटन, क्वींस और ब्रॉन्क्स जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में लोगों ने झटकों को साफ तौर पर महसूस किया। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने बताया कि उन्होंने दीवारें और खिड़कियां हिलती हुई देखीं। कुछ स्थानों पर लोगों ने लाइट्स के झपकने और हल्के कंपन की शिकायत की।
हालांकि, अब तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है। शहर के आपातकालीन विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
गौरतलब है कि न्यूयॉर्क आमतौर पर भूकंप संभावित क्षेत्र नहीं माना जाता, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यहां भूकंप की गतिविधियों में हल्की बढ़ोतरी देखी गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, ये झटके पूर्वी अमेरिका के ‘रैरीटॉन फॉल्ट ज़ोन’ से जुड़े हो सकते हैं।
भूकंप के बाद ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर भी हल्का असर पड़ा है। मेट्रो सेवाओं को एहतियातन कुछ समय के लिए रोका गया था, लेकिन अब स्थिति सामान्य है। हवाई अड्डों पर भी जांच बढ़ा दी गई है ताकि किसी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी को टाला जा सके।
न्यूयॉर्क के मेयर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं। हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है। कृपया घबराएं नहीं और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।”
विशेषज्ञों का मानना है कि इन हल्के भूकंपों से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन जागरूक रहना जरूरी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घरों में फर्स्ट एड किट और आपातकालीन उपकरण तैयार रखें।
न्यूयॉर्क जैसे महानगर में भूकंप जैसी घटनाएं भले ही दुर्लभ हों, लेकिन इस बार के झटकों ने यह जरूर जता दिया है कि प्राकृतिक आपदाएं कहीं भी और कभी भी आ सकती हैं। सतर्कता और तैयारी ही इससे निपटने का सबसे प्रभावी उपाय है।