अंबिकापुर @thetarget365 : शहर में सोमवार को ईद-उल-फितर का पर्व पूरे हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न मस्जिदों में ईद की विशेष नमाज अदा की गई। नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी और खुशियां साझा कीं। पूरे शहर में उत्साह और भाईचारे का माहौल देखने को मिला।
रमजान के पाक महीने के समापन के बाद मनाया जाने वाला ईद-उल-फितर मुस्लिम समुदाय के लिए खास महत्व रखता है। यह दिन उपवास, इबादत और आत्मसंयम की समाप्ति का प्रतीक होता है। सुबह मस्जिदों में हजारों लोगों ने एक साथ खड़े होकर नमाज अदा की और अल्लाह से दुआएं मांगी।
मुख्य मस्जिदों में हुआ नमाज का आयोजन
अंबिकापुर की प्रमुख जामा मस्जिद, इमामबाड़ा मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में सुबह विशेष नमाज अदा की गई। नमाज के दौरान माहौल आध्यात्मिकता और भक्ति से भरा हुआ था। नमाज खत्म होते ही लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद दी और आपसी सौहार्द का संदेश दिया।
ईद के इस खास मौके पर लोग अपने घरों में विशेष पकवान बनाते हैं, जिनमें सेवइयां प्रमुख होती हैं। लोग अपने परिजनों और मित्रों के घर जाकर दावतों में शामिल होते हैं और त्यौहार की खुशियां बांटते हैं।
सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद
ईद के मद्देनजर अंबिकापुर शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। प्रमुख मस्जिदों और सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया था। साथ ही, ट्रैफिक व्यवस्था को भी सुचारू रूप से संचालित किया गया ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। स्थानीय प्रशासन ने भी इस पर्व को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न कराने के लिए पूरी तैयारी की थी।
जरूरतमंदों की मदद का दिन
ईद-उल-फितर का एक और महत्वपूर्ण पहलू “ज़कात” है, जिसमें लोग अपनी आय का एक हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों को दान करते हैं। इस परंपरा के माध्यम से समाज में भाईचारे और एकता को बढ़ावा मिलता है।
अंबिकापुर में इस बार ईद का जश्न और भी खास रहा। लोगों ने इस त्योहार को धार्मिक और सामाजिक सौहार्द के साथ मनाया। इस दिन ने यह संदेश दिया कि खुशियां बांटने से ही बढ़ती हैं और आपसी प्रेम तथा सद्भाव से समाज मजबूत होता है।