अंबिकापुर। कांग्रेस ने राजीव भवन में प्रेसवार्ता लेकर कहा है कि इलेक्टोरल बांड चुनावी चंदा घोटाला के लिए भाजपा की मान्यता रद्द होनी चाहिए। इलेक्टोरल बांड भाजपा के भ्रष्टाचार का नमूना है। मोदी सरकार ने कंपनियों पर ईडी, सीबीआई से छापा मरवा कर भाजपा के लिए चंदा वसूला है। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि इसी चंदे के बल पर मोदी सरकार पहले से कह रही है कि अबकी बार 400 पार। इसी आर्थिक घमंड में यह नारा दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई तब जाकर मोदी सरकार की करतूतें बाहर आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च तक सारी जानकारी भारतीय स्टेट बैंक को देने कहा है। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक जैसे विश्वसनीय संस्थान की भी साख गिरा दी है। स्टेट बैंक की विश्वसनीयता को खत्म कर दिया है। संवैधानिक और लोकतांत्रिक देश में इतनी बड़ी राशि चंदे के रूप में लेना पूरी तरह और संवैधानिक है। मोदी सरकार के इस चंदे के कारण भारतीय स्टेट बैंक की बैंकिंग व्यवस्था की साख भी गिर गई है।
कांग्रेस नेताओं ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता लेकर इलेक्टोरल बांड घोटाला और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ईओडब्ल्यू की एफआइआर को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस ने कहा है कि इलेक्टोरल बांड से संबंधित जो जानकारी सामने आई है उससे साफ हो गया है कि इलेक्टोरल बांड मोदी सरकार द्वारा भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया था। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा चुनावी चंदा घोटाला है। मोदी सरकार ने व्यावसायिक संस्थानों को केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से डरवाकर, छापे मरवाकर, गलत कार्रवाई कर इलेक्टोरल बांड के माध्यम से वसूली करवाया है। जिन कंपनी ने भाजपा को चुनावी चंदा दिया उनको हजारों करोड रुपये के ठेके भी दिए गए हैं। जिन कंपनियों ने भाजपा को चंदा दिया है उनके खिलाफ मनी लांड्री की कार्रवाई मोदी सरकार ने रुकवा दी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इस चंदे से जुड़ी जानकारी सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि भाजपा ने आर्थिक लाभ के लिए सारा षड्यंत्र किया है। इसीलिए स्टेट बैंक इसको छुपाना चाह रही थी। जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार 13 सौ से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों ने इलेक्टोरल बांड के रूप में दान दिया है। 2019 के बाद भाजपा को छह हजार करोड़ से अधिक दान मिला है। ऐसी कई कंपनियों के मामले हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बांड दान किया है और इसके तुरंत बाद इन कंपनियों ने मोदी सरकार से भारी लाभ प्राप्त किया है। कांग्रेस ने बड़ी संख्या में बड़ी कंपनियां का जिक्र किया है जिसने इलेक्टोरल बांड के रूप में बड़ी राशि दान में दी है। कांग्रेस का आरोप है कि इलेक्टोरल बांड घोटाला भाजपा के भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सबूत है और यह देश का अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है। कांग्रेस ने राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से मांग किया है कि इस कदाचरण के लिए भाजपा की मान्यता समाप्त कर उसके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाए।प्रेस वार्ता में पादप बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, महापौर डा अजय तिर्की, जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव द्वितेंद मिश्रा, डा जेपी श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह, युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव शशि सिंह, हेमंत सिन्हा, अशफाक अली,आशीष वर्मा, अनूप मेहता, अनिल सिंह कर्नल, मदन जायसवाल, दिनेश शर्मा, गुरुप्रीत सिध्धु, अमित सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर एफआईआर एक राजनीतिक षड्यंत्र
प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी के पत्र के आधार पर ईओडब्ल्यू के द्वारा लिखी गई एफआइआर से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। ईडी की जांच और ईओडब्ल्यू के एफआइआर में राजनीतिक षड्यंत्र साफ दिख रहा है। लोकसभा चुनाव के पहले ही यह एफआइआर क्यों दर्ज नहीं की गई। ईडी की सारी कार्रवाई की टाइमिंग भाजपा को राजनीतिक लाभ पहुंचाने वाली ही क्यों होती है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार महादेव ऐप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज किए गए प्राथमिकी का आधार क्या है। असीम दास के बयान के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उस बयान का असीम दास ने अदालत में खंडन भी किया है।उसने बयान दिया है कि ईडी के दबाव में बयान दिया था, उसके बाद भी भूपेश बघेल पर मुकदमा दर्ज किया गया है। असीम दास के साथ संबंधों के आधार पर भाजपा नेताओं से पूछताछ भी नहीं किया गया। यह ईडी के षडयंत्रों को बताने के लिए पर्याप्त है।