प्रतापपुर (thetarget365)। वर्षाकाल शुरू होते ही खेती की तैयारी में लगे क्षेत्र के किसानों को अमानक खाद, नकली बीज व नकली कीटनाशक दवाएं बेचने का सिलसिला शुरू हो गया है।
इस मोटे मुनाफे वाले नकली कारोबार को कृषि विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में क्षेत्र के भीतर बैठे कई दुकानदार धड़ल्ले से अंजाम देते हुए किसानों के साथ एक बड़ी धोखाधड़ी कर रहे हैं। वहीं कई फर्जी कंपनियों द्वारा दिए जा रहे मोटे मुनाफे के लालच में आकर ग्रामीण क्षेत्रों में बैठे हुए दुकानदार बिना अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) के खेती के काम में आने वाली कई नकली सामाग्रियों को बेचने में लगे हुए हैं। किसानों का कहना है कि वे अपनी पूरी जमापूंजी लगाकर कड़ी मेहनत करते हुए अन्न पैदा करने का कार्य करते हैं पर क्षेत्र के कुछ व्यापारी कृषि विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर अपना निजी हित साधते हुए अमानक स्तर की खाद, नकली बीज व नकली कीटनाशक दवाओं की बिक्री कर हम किसानों को एक बड़ा आर्थिक नुक़सान पहुंचाने में लगे हुए हैं। बता दें कि प्रत्येक वर्ष वर्षाकाल के शुरू होते ही बाजारों में नकली हाइब्रिड धान, खाद सहित कई तरह के नकली बीजों को खपाने का काम तेजी से शुरू हो जाता है जो किसानों के लिए एक बड़ी मुसीबत के रूप में सामने आता है पर इसे लेकर आज तक प्रशासकीय स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है जिसके कारण इस तरह के कारोबार को अंजाम देने वालों के हौंसले हमेशा बुलंदी पर रहते हैं। किसान केवल बाजार में बिक रही कृषि से संबंधित नकली सामग्रियों के कारण ही परेशान नहीं बल्कि इस समय हो रही खाद की कालाबाजारी से भी खासे त्रस्त नजर आ रहे हैं। इस कालाबाजारी के कारण किसानों को अनाप शनाप दरों पर खाद खरीदनी पड़ रही है। कुछ किसानों ने यह भी बताया कि नकली खाद और बीज उनके खेत की जमीनों की उर्वरक क्षमता को कमजोर कर रहे हैं जिसके कारण खेत बंजर स्थिति में पहुंचते जा रहे हैं। किसानों ने शासन प्रशासन से खेती से जुड़ी नकली सामग्रियों का विक्रय करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने मांग की है।
अधिकारी नहीं करते गोदामों का निरीक्षण
बता दें कि वर्षाकाल से पूर्व ही कृषि संबंधित सामग्रियों का विक्रय करने वाले कई व्यापारी अपने गोदामों में खाद का भंडारण कर रख लेते हैं। भंडारित की गई खाद के स्टाक व उसकी गुणवत्ता का कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा समय समय पर निरीक्षण कर संपूर्ण दस्तावेजी कार्रवाई करनी होती है पर बताया जा रहा है कि कृषि विभाग के अधिकारी गोदामों के निरीक्षण में कोई रूचि न दिखाते हुए कार्यालय में बैठे बैठे ही सारी खानापूर्ति कर लेते हैं।
यूपी बिहार से आ रही नकली खाद
बताया जा रहा है कि खाद की कालाबाजारी में लगे प्रतापपुर क्षेत्र के कथित व्यापारी तीन सौ से लेकर चार सौ रुपए प्रति बोरी की दर से उत्तर प्रदेश व बिहार से नकली खाद मंगाते हैं। फिर इस खाद को ब्रांडेड कंपनियों के नाम से प्रिंट कराई गई खाली बोरियों में भरकर मशीन की सिलाई से पैक कर किसानों को पंद्रह सौ से लेकर अठारह सौ रुपए की दर से विक्रय कर मोटा मुनाफा कमाते हैं।
यदि इस तरह का मामला है तो विक्रेताओं से कृषि सामग्रियों के सैंपल लेकर उनका परीक्षण कराया जाएगा परीक्षण उपरांत पाए गए तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
शिवशंकर यादव
वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी प्रतापपुर