रायपुर @thetarget365 प्रसिद्ध तबला वादक और संगीतकार उस्ताद जाकिर हुसैन का 15 दिसंबर 2024 को सैन फ्रांसिस्को में निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे और लंबे समय से हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके परिवार में पत्नी, प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना एंटोनिया मिनेकोला और दो बेटियां हैं। भारतीय शास्त्रीय संगीत में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
उस्ताद जाकिर हुसैन भारतीय तबला वादन के सबसे प्रतिष्ठित कलाकारों में से एक थे। उनके संगीत और योगदान से जुड़ी कुछ प्रमुख जानकारियाँ यहाँ दी गई हैं:
जीवन परिचय
जन्म: 9 मार्च 1951 को मुंबई, भारत में हुआ।
पिता: उनके पिता उस्ताद अल्ला रक्खा एक महान तबला वादक थे, जिन्होंने जाकिर हुसैन को शुरुआती शिक्षा दी।
शिक्षा: उन्होंने संगीत की शिक्षा कम उम्र में ही प्राप्त कर ली थी और 12 वर्ष की आयु में पेशेवर तौर पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।
संगीत का सफर
उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में तबला को एक नई ऊंचाई पर पहुँचाया।
वह कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगीतकारों के साथ जुड़े, जिनमें यो-यो मा, जॉन मैकलॉफलिन, और मिकी हार्ट शामिल हैं।
वह “शक्ति” बैंड के सह-संस्थापक थे, जिसने भारतीय और पश्चिमी संगीत का मेल प्रस्तुत किया।
फिल्म संगीत में योगदान
उन्होंने “इन कस्टडी” और “मिस्टर एंड मिसेज अय्यर” जैसी फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया।
उनके तबले का उपयोग कई हॉलीवुड फिल्मों में भी हुआ, जिनमें “अपोकलिप्स नाऊ” और “लिटिल बुद्धा” शामिल हैं।
सम्मान और पुरस्कार
2002 में उन्हें पद्म भूषण और 1988 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
उन्होंने ग्रैमी पुरस्कार जीता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई अन्य सम्मानों से नवाजे गए।
व्यक्तिगत जीवन
उन्होंने एंटोनिया मिनेकोला से विवाह किया, जो एक कथक नृत्यांगना और उनकी प्रबंधक थीं। उनके दो बच्चे हैं: अनीसा और इसाबेला।
विरासत
उस्ताद जाकिर हुसैन का संगीत और उनकी कला पीढ़ियों तक याद की जाएगी। उनके योगदान ने भारतीय संगीत को वैश्विक पहचान दिलाई। उनकी सरलता, समर्पण, और संगीत के प्रति उनका दृष्टिकोण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।