★ 40 में से 15 सीट हासिल कर कोचिंग सेंटर ने रखा अपना दबदबा कायम
सीतापुर (सरगुजा)। जवाहर नवोदय विद्यालय समेत अन्य शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश हेतु आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में शासकीय कैरियर कोचिंग सेंटर का दबदबा कायम रहा। हमेशा की तरह इस बार भी यहाँ के बच्चों ने सफलता के झंडे गाड़ते हुए जवाहर नवोदय विद्यालय हेतु आवंटित 40 सीटों में से 15 पर अपना कब्जा जमाया। इसके अलावा जवाहर उत्कर्ष विद्यालय के 11 सीटों में 5 सीटो के अलावा सैनिक स्कूल के लिए कोचिंग सेंटर के बच्चे चयनित हुए हैं। जिन्हें बीइओ कार्यालय परिसर में अभिभावकों की उपस्थिति में बीइओ मिथिलेष सिंह सेंगर ने सम्मानित किया।
विदित हो कि स्कूली छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु पूर्व कलेक्टर किरण कौशल द्वारा कैरियर कोचिंग सेंटर की शुरुआत की गई थी। जनपद पंचायत परिसर में संचालित यह कोचिंग सेंटर कलेक्टर किरण कौशल के रहते तक बढ़िया चला। उनके जाने के बाद ये कोचिंग सेंटर बंद होने की कगार पर आ गया था। इसी बीच मिथिलेष सिंह सेंगर यहाँ बीइओ बनकर आये और बंद होने की कगार पर जा पहुँचे कैरियर कोचिंग सेंटर को शुरू कराया। जिसके बाद यह सरकारी कोचिंग सेंटर बीइओ के मार्गदर्शन में संचालित होने लगा। विगत चार सालों से संचालित यह कोचिंग सेंटर अल्प सुविधा के बाद भी जिले में अपनी एक अलग पहचान स्थापित की। अब तक यहाँ से सैकड़ो बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल कर कई बड़े शैक्षणिक संस्थानों में निःशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे है। इनकी इस सफलता में बीईओ के अलावा शिक्षक मगलूब आलम उनकी पत्नी तबस्सुम आलम, रविशंकर गुप्ता, नीरज गुप्ता की कड़ी मेहनत है। जो सुबह साढ़े सात से नौ बजे तक कोचिंग सेंटर में समय देने के बाद अपने स्कूलों में भी समय देते है। इनके प्रयासों का नतीजा है कि इस साल भी कोचिंग सेंटर से अदिति सिंह, श्रेयसी पैंकरा, राज पैंकरा, अथर्व गुप्ता, ओम कश्यप, मनुश्री, सुनिधि एक्का, सुनिधि मिंज, उमा भारती पैंकरा, शौर्यम सोनी, आदित्य गुप्ता, हर्ष बघेल, आशुतोष पटेल, अनन्या गुप्ता, रजत दास जैसे अन्य छात्र चयनित हुए है।
इस संबंध में बीइओ मिथिलेष सिंह सेंगर ने बताया कि मेरी कोशिश यही रहती है कि सभी बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा मिले। यह क्षेत्र पिछड़ा एवं आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण कई अभिभावक अपने बच्चों को कोचिंग नही करा पाते हैं। जिसकी वजह से कई प्रतिभावान बच्चे पिछड़ जाते है। इन्ही सब स्थिति परिस्थितियों को देखते हुए इस बंद पड़े निःशुल्क कोचिंग सेंटर को शुरू कराया गया। जिसका सीधा लाभ क्षेत्र के बच्चों को मिला और वे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करने लगे। विगत चार सालों में यहाँ से सैकड़ो बच्चे प्रतियोगी परीक्षा में चयनित होकर बड़े शहरों में निःशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे है। आगे भी कैरियर कोचिंग सेंटर को ये कामयाबी हासिल होती रहे मेरी यही इच्छा है।