★ कार्यवाही नहीं होने पर ग्रामीणों के साथ शामिल होंगे भूख हड़ताल में
अंबिकापुर @thetarget365 शहर के लगे ग्राम बधियाचुआ में पिछले कुछ दिनों से जंगलों की कटाई कर भूमाफिया द्वारा अवैध कब्जा किए जाने की ग्रामीणों की शिकायत पर बुधवार को पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ग्राम बधियाचुआ पहुंचे। ग्रामीणों की कई शिकायतों के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं करने से नाराज सिंह देव ने भूख हड़ताल पर बैठने की बात कही है।
दरअसल यह पूरा मामला अंबिकापुर शहर से लगे बधियाचुआ ग्राम पंचायत का है। जहां सौ एकड़ से अधिक जमीन पर भू माफियाओं के द्वारा जंगलों की कटाई कर मेड़ बना कब्जा कर लिया गया है। ग्राम पंचायत के उप सरपंच राजू राम द्वारा कई बार जिला प्रशासन व वन विभाग को लिखित में शिकायत की गई। बावजूद इसके आज तक किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद ग्राम पंचायत बधियाचुआ के लोगों ने पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव से इसकी शिकायत की। ग्रामीणों की शिकायत पर आज सुबह पूर्व डिप्टी सीएम सिंह देव ग्राम पंचायत बधियाचुआ पहुंचे। ग्रामीणों के साथ उन्होंने जंगल की ओर जाकर देखा कि 100 एकड़ से अधिक की भूमि पर कब्जा दिख रहा है। लेकिन इसकी जानकारी वन विभाग को देने के बावजूद भी ग्रामीणों की बात को झूठ बतलाकर वन अमला अपने आप को सही साबित करने में लगा हुआ है।
देखें पूर्व डिप्टी सीएम सिंह देव ने क्या कहा 👇
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जिसको लेकर पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि मौके पर जंगलों की कटाई कर कब्जा करने का होड़ चल रहा है। लगभग 100 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में भूमि पर मेड़ बनाकर कब्जा किया जा रहा है। जबकि यह रिजर्व फारेस्ट है, जो कलेक्टर ने 2016-17 में अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर सेटल भी किया था उसके आदेश भी हैं। आजादी के पहले के कुछ लोगों को वन अधिकार पत्र अभी तक नहीं मिले हैं। वन अधिकार पत्र के माध्यम से कुछ लोग अपने कब्जे की जमीन की खरीद-बिक्री भी कर रहे हैं। जो कि सरासर गलत है उन्हें वन अधिकार पट्टा नहीं मिला है। यदि ऐसा है तो वह जमीन वापस शासन के पास चली जायेगी। पूर्व डिप्टी सीएम सिंह देव ने आगे कहा कि अगर न्याय संगत बातों को नहीं सुना जाता है तो आने वाले दिनों में मैं ग्रामीणों के साथ भूख हड़ताल पर बैठूंगा। साथ ही कहा की जंगल में अवैध कब्जा नियम और कानून के विपरीत हो रहा है इसपर कार्रवाई होनी चाहिए। विपक्ष की बात नहीं माने जाने पर उन्होंने कहा कि आखरी में प्रजातंत्र में क्या होता है जनमत का संग्रह, तो ऐसी नौबत क्यों आने दी जाए।