प्रतापपुर (सूरजपुर)। सूरजपुर वन मंडल अंतर्गत तमोर पिंगला अभ्यारण्य रमकोला के हाथी पुनर्वास केंद्र के पास स्थित धूरिया के जंगल में ग्रामीणों द्वारा अपनी फसल को बचाने के लिए लगाए गए करंट प्रवाहित तार की चपेट में आकर एक मादा हथिनी की मौत हो गई। हथिनी की मौत से घबराए ग्रामीणों ने फंसने के भय से कुल्हाड़ी व अन्य हथियारों से उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर अलग अलग 12 गड्ढों में दफन कर दिया।
इस बीच सूरजपुर डीएफओ पंकज कमल को मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली कि धूरिया के जंगल में कुछ ग्रामीणों ने एक मादा हथिनी की हत्या कर उसके शव के 12 टुकड़े कर अलग-अलग स्थानों पर दफन कर दिया है तो उन्होंने हथिनी के शव को बरामद करने व घटना में शामिल आरापितो की पतासाजी करने एक टीम का गठन किया। टीम ने रविवार को संदेह के आधार पर दो ग्रामीणों को पकड़कर उनसे कड़ाई से पूछताछ की तो उन्होंने हथिनी के शव के टुकड़े कर 12 स्थानों पर दफन करना स्वीकार किया। जिसके बाद टीम ने बताए गए स्थानों पर खुदाई कराई तो वहां दफन मादा हथिनी के शव के अलग-अलग अवशेष बरामद हुए। इसके पश्चात मौके पर मौजूद पशु चिकित्सकों की टीम ने शव का परीक्षण किया। घटना में आधा दर्जन ग्रामीणों का हाथ होना बताया जा रहा है। मृत मादा हथिनी की उम्र 15 से 20 वर्ष बताई गई है। जिसे आरोपितों ने कुल्हाडी व फावड़े से काटकर गड्ढों में दफना दिया था। हथिनी के शव का पशु चिकित्सक डा. महेंद्र पांडेय, हाथी पुनर्वास केंद्र के डा. अजीत पांडेय व डा. शंभू पटेल की टीम ने पोस्टमार्टम किया। चिकित्सकों के अनुसार हथिनी की मौत करीब एक माह या 40 दिनों पूर्व हुई थी। उसके पैरों एवं सूंड़ में करंट लगने के निशान भी मिले हैं। विशालकाय हथिनी के अंगों को कुल्हाड़ी व फावड़े से काटा गया था। पैर, सूंड़, जबड़े सहित अन्य अंगों को 12 टुकड़ों में काटकर दफन किया गया था। जबड़़े में 10-10 दांत मिले हैं। हथिनी की सभी हड्डियां सुरक्षित मिली हैं।
★ फसल को बचाने के लिए लगाया था करंट
प्रारंभिक जांच में वन विभाग की टीम को पता चला है कि ग्रामीणों ने अपनी फसल को बचाने खेतों को जीआई तार से घेरकर उसमें करंट प्रवाहित कर रखा था। जिसकी चपेट में आकर मादा हथिनी की मौत हो गई। घटना मुख्यमार्ग से करीब पांच सौ मीटर अंदर की बताई जा रही है जहां मादा हथिनी विचरण करते हुए वहां मौजूद तालाब में पानी पीने आई थी।
★ चार आरोपितों को किया गिरफ्तार
पूरे दिन चली जांच के दौरान वन्य जीव विभाग के सीएफ केआर बढ़ई, सूरजपुर डीएफओ पंकज कमल, उपसंचालक एलिफेंट रिजर्व के उप संचालक निवास तंतेरी सहित वनविभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। मामले में वनअमले ने धूरिया निवासी नरेंद्र सिंह गोंड़ 37 वर्ष, जनकू राम 52 वर्ष, रामचंद्र अगरिया 58 वर्ष, माधव अगरिया 27 वर्ष को गिरफ्तार कर जेल दाखिल कर दिया है। वहीं घटना में शामिल दो अन्य आरोपित फरार हैं जिनकी टीम द्वारा तलाश की जा रही है।
घटना में शामिल आरोपितों को बख्शा नहीं जाएगा- उप वनमंडलाधिकारी
इस संबंध में प्रतापपुर के उप वनमंडलाधिकारी आशुतोष भगत ने बताया कि 12 गड्ढों से बरामद मृत हथिनी के शरीर के टुकड़ों को उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में जंगल में ही विधिवत दफन कर दिया गया है तथा उसके अंदरुनी अंग डीएनए परीक्षण कराने बाहर भेजे गए हैं। उप वन मंडलाधिकारी भगत ने कहा कि घटना में शामिल किसी भी आरोपित को बख्शा नहीं जाएगा। सभी के खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम की धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई की गई है।