अंबिकापुर @thetarget365 केंद्रीय विद्यालय अंबिकापुर में पदस्थ रहे एक शिक्षक ने 10 लाख रुपये लेकर एक युवक को स्वास्थ्य विभाग में कंप्यूटर आपरेटर का फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। जांच में मामला सामने आने के बाद उसने राशि वापस करने का भरोसा दिया। काफी प्रयासों के बाद छह लाख रुपये तो वापस कर दिए लेकिन चार लाख रुपये नहीं दिए। पीड़ित के पिता ने मामले की शिकायत पुलिस से की। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद गांधीनगर पुलिस टीम ने अलीगढ़ से आरोपित शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया।
अंबिकापुर के गांधीनगर निवासी दिनेश यादव ने लगभग एक वर्ष पहले केंद्रीय विद्यालय अंबिकापुर में पदस्थ तत्कालीन शिक्षक पवन कुमार समीर के विरुद्ध नौकरी लगाने के नाम पर ठगी की शिकायत की थी। दिनेश यादव के अनुसार उनकी पहचान शिक्षक से थी। शिकायतकर्ता के पुत्र की स्वास्थ्य विभाग में कंप्यूटर आपरेटर के पद पर नौकरी लगा देने का झांसा देकर शिक्षक ने 10 लाख रुपये वसूल कर लिए थे। रुपये लेने के एक – दो महीने बाद शिक्षक पवन कुमार समीर ने नियुक्ति पत्र भेजवा कर रायपुर जाने की बात कही थी।
जब प्रार्थी उस नियुक्ति पत्र को लेकर रायपुर कार्यालय में गया था। वहां जाने के बाद पता चला कि रायपुर से कोई ऐसा नियुक्ति पत्र जारी नहीं हुआ है। उक्त नियुक्ति पत्र के फर्जी होने की जानकारी मिलते ही जब आवेदक ने शिक्षक पवन कुमार समीर से चर्चा की तो रुपये वापस कर देने का आश्वासन दिया गया। शिक्षक पवन कुमार समीर द्वारा सिर्फ छह लाख रूपये प्रार्थी को वापस किया गया। शेष चार लाख रुपये मांगने पर देने से मना करते हुए टाल मटोल करने लगा। इसी बीच यहां से उसका तबादला भी हो गया। तब धोखाधड़ी की शिकायत थाने में दर्ज कराई गई।
पुलिस टीम को जानकारी मिली की वर्तमान में आरोपी अलीगढ़ में निवास कर रहा है। इसी सूचना पर पुलिस टीम को अलीगढ़ उत्तरप्रदेश रवाना किया गया था। पुलिस टीम के सतत प्रयास से पवन समीर को पकड़कर पूछताछ किया गया।वह मूलतःएमआईजी 623 आवास विकास कालोनी सेक्टर सात बोदला आगरा का रहने वाला है। वर्तमान में आवास क्रमांक 313 केंद्रीय विद्यालय स्टाफ कालोनी देवखैनी पीएसी के पास रामघाट रोड अलीगढ़ उत्तर प्रदेश में निवास कर रहा था।
आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय सीजेएम अलीगढ़ से ट्रांजिट रिमांड प्राप्त कर थाना गांधीनगर लाया गया। पुलिस टीम द्वारा घटना के संबंध में पूछताछ करने पर नौकरी लगाने के नाम पर ठगी कारित कर फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र देना स्वीकार किया गया। आरोपी पवन समीर को धारा 420, 467, 468, 471 के तहत रिमांड पर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।