Ganesh Chaturthi 2025 : गणेश चतुर्थी का पावन त्योहार हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण भगवान गणेश की प्रतिमा को घर में स्थापित कर विधि-विधान से पूजा करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणेश जी की पूजा के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना शुभ रहता है। वास्तु नियमों के अनुसार पूजा स्थल और सजावट की व्यवस्था करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
गणेश जी की चौकी स्थापना के वास्तु टिप्स
गणेश जी की मूर्ति को रखने के लिए लकड़ी की चौकी का चयन करें और इसे घर के उत्तर-पूर्व कोने यानी ईशान कोण में रखें। यह दिशा घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती है। चौकी के आसपास केले के पत्ते, फूल आदि से सजावट करना शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस दिशा में गणेश जी की स्थापना से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
मुख्य द्वार की सजावट जरूरी, बढ़ाए सकारात्मकता
गणेश चतुर्थी पर घर के मुख्य द्वार को सजाना विशेष शुभ होता है क्योंकि यही द्वार भगवान गणेश के प्रवेश का मार्ग होता है। इस अवसर पर मुख्य दरवाजे पर आम के पत्तों का बंदनवार लगाना चाहिए। इसके अलावा, स्वास्तिक चिह्न बनाना और द्वार के पास रंगोली सजाना भी शुभ होता है। ये उपाय न केवल घर का वास्तु सुधरते हैं, बल्कि जीवन से सभी बाधाएं भी दूर होती हैं।
रंगों का चयन करें सोच-समझकर
पूजा और सजावट के दौरान रंगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। काले, भूरे और गाढ़े नीले रंगों का उपयोग न करें क्योंकि ये रंग नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं। इसके बजाय लाल, गुलाबी, पीला और हरे रंगों का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। इन रंगों की मौजूदगी घर में सकारात्मकता और ईश्वरीय आशीर्वाद बनाए रखती है।
वास्तु नियमों के पालन से बढ़ेगी गणेश चतुर्थी की भव्यता
गणेश चतुर्थी जैसे धार्मिक पर्व पर यदि हम वास्तु के नियमों का ध्यान रखें तो पूजा का प्रभाव दोगुना होता है। घर में सही दिशा में गणेश जी की स्थापना, मुख्य द्वार की सजावट और उपयुक्त रंगों का चयन, सभी मिलकर घर में समृद्धि, सौभाग्य और शांति का संचार करते हैं। इस बार गणेश चतुर्थी पर इन सरल वास्तु नियमों का पालन कर आप अपने घर को खुशहाल बना सकते हैं।