अंबिकापुर @thetarget365 इस्कॉन अंबिकापुर प्रचार केंद्र में रविवार को गौर पूर्णिमा महोत्सव अत्यंत हर्षोल्लास और भक्तिमय वातावरण में मनाया गया। हरिनाम संकीर्तन के प्रवर्तक भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु के शुभ अवतरण दिवस को मनाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु, भक्तगण और युवा इस भव्य आयोजन में एकत्र हुए। संपूर्ण वातावरण हरे कृष्ण महामंत्र के संकीर्तन से गुंजायमान हो गया, जिससे भक्तों में अपार आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ।
महोत्सव का शुभारंभ भक्तिमय कीर्तन से हुआ, जहां श्रद्धालुओं ने नृत्य और भजन के माध्यम से अपनी भक्ति भावनाओं को अभिव्यक्त किया। इस विशेष अवसर पर 51 किलो फूलों से भव्य फूलों की होली खेली गई, जिससे पूरा परिसर रंग-बिरंगे पुष्पों की सुगंध से भर गया और भक्तगण अपार आनंद से झूम उठे। अलौकिक वातावरण में ब्रह्म संहिता का पाठ करते हुए भगवान श्री श्री गौर-निताई का भव्य अभिषेक फलों के रस, पंचामृत और फूलों से किया गया। हरिनाम संकीर्तन के साथ भगवान श्री श्री गौर निताई एवं महाप्रभु जगन्नाथ की वैदिक पंचरात्र पद्धति से आरती की गई।
भगवान चैतन्य महाप्रभु को भक्तों द्वारा तैयार विभिन्न प्रकार के पारंपरिक व्यंजनों सहित विशेष 56 भोग अर्पण किए गए। भोग अर्पण के बाद सभी उपस्थित भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया गया।
युवा वर्ग में बढ़ रही अध्यात्म के प्रति रुचि
इस आयोजन की विशेषता यह रही कि इसमें बड़ी संख्या में युवा, विशेष रूप से मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्र, बढ़-चढ़कर शामिल हुए। उन्होंने ISKCON के माध्यम से भारतीय संस्कृति, सनातन परंपराओं और आध्यात्मिक जीवनशैली के प्रचार-प्रसार की सराहना की। युवाओं ने विशेष रूप से गौर पूर्णिमा महोत्सव के दौरान मिले आध्यात्मिक अनुभव को अपने जीवन में अपनाने की इच्छा व्यक्त की।
महोत्सव के दौरान इस्कॉन अंबिकापुर प्रचार केंद्र के प्रभारी दयानिधि दास ने भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु के अवतरण की पृष्ठभूमि, उनके अवतार के उद्देश्य और उनकी शिक्षाओं के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि चैतन्य महाप्रभु ने जातपात की सीमाओं को तोड़कर प्रेम और भक्ति के माध्यम से समाज को एक नई दिशा दी और कलियुग में हरिनाम संकीर्तन को मोक्ष का सरलतम मार्ग बताया। दयानिधि प्रभु ने बताया कि इस्कॉन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस्कॉन द्वारा महाप्रभु की शिक्षाओं का प्रचार किया जा रहा है और उनकी प्रेरणा से आज विश्व के कोने कोने में हरे कृष्ण महामंत्र गूंज रहा है। उन्होंने अंबिकापुर वासियों से भी अपील की है की इस्कॉन के साथ जुड़कर भगवद गीता के शुद्ध ज्ञान को प्राप्त करें।
इस भव्य आयोजन ने श्रद्धालुओं को भक्तिरस में सराबोर कर दिया और भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु की करुणा व उनकी दिव्य शिक्षाओं को आत्मसात करने की प्रेरणा दी। इस्कॉन अंबिकापुर प्रचार केंद्र द्वारा नगर में पहली बार आयोजित यह गौर पूर्णिमा महोत्सव न केवल भक्ति और आध्यात्मिकता का अनुपम संगम बना, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा के प्रचार में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिवेश सिंह, राजकीर्ति जायसवाल, हेमंत गोयल, शार्दुल विक्रम, स्वस्तिक श्रीवास्तव, सिद्धार्थ पाठक, अश्विनी देशमुख, प्रज्ञा पांडे, महिमा कुशवाहा, प्रियांशी कन्नौजिया की भूमिका प्रमुख रही। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में इस्कॉन अंबिकापुर प्रचार केंद्र के भक्त उपस्थित रहे।