न्यूज़ डेस्क@thetarget365 : हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में आरोपी युवक की मां के खिलाफ भी मुकदमा चलाए जाने का आदेश पारित किया है। न्यायमूर्ति प्रमोद कुमार अग्रवाल की एकलपीठ ने स्पष्ट किया कि आईपीसी की धारा-109 के अंतर्गत दुष्कर्म के लिए उकसाने की आरोपी महिला को भी को उत्तरदायी ठहराया जा सकता है।
मामले के अनुसार पीड़ित युवती ने भोपाल के छोला मंदिर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया था कि उसके पड़ोसी युवक ने उससे शादी का प्रस्ताव रखा, जिस पर वह सहमत हो गई। कुछ समय बाद वह उस युवक की मां और उसके भाई से शादी के बारे में बताने घर गई।
शादी से पहले संबंध बनाना आम
- आरोपी की मां और भाई ने उसे जबरन उसके साथ भेज दिया और कमरे का दरवाजा बंद कर दिया, जहां आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद उसकी और आरोपी की सगाई हो गई। अगले दिन पीड़िता फिर आरोपी के घर गई और उसके भाई व मां को घटना के बारे में बताया, जिस पर उन्होंने टिप्पणी की कि आजकल शादी से पहले संबंध बनाना आम बात है।
- उन्होंने फिर से आरोपी और पीड़िता को एक कमरे में भेज दिया। दरवाजा बंद कर दिया, जहां आरोपी ने फिर से पीड़िता के साथ संबंध बनाए। इसके बाद जब पीड़िता की मां का कैंसर से देहांत हो गया, तो आरोपी की मां व भाई ने आरोपी की पीड़िता से शादी करने से इनकार कर दिया।
पीड़िता ने तीनों के खिलाफ दर्ज कराया मामला
पीड़िता ने आरोपी, उसकी मां व भाई के विरुद्ध धारा 376 376 (2) (एन), 190, 506 व 34 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले के सेशन सुपुर्द होने के बाद आरोपियों की ओर से आरोपों से मुक्त करने के लिए धारा 227 के तहत एक आवेदन दायर किया गया। ट्रायल कोर्ट ने निरस्त कर दिया। इसी आदेश को पुनरीक्षण याचिका के जरिए चुनौती दी गई थी, जिसे हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया। राज्य शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता सीएम तिवारी ने पक्ष रखा।