★ 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि और 18 सूत्रीय मांगों को लेकर 2 दिवसीय हड़ताल का पहला दिन
अंबिकापुर (thetarget365)। छत्तीसगढ़ में आज से दो दिनों के लिए एनएचएम (NHM) के स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई है। संभाग के कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचे मरीज व मरीज के परिजन बैरंग वापस लौट रहे है। इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप भी फैला है। ऐसे समय में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के दो दिनों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है। दरअसल छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं एड्स नियंत्रण कर्मचारियों को 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि और 18 सूत्रीय मांगों पर सरकार के द्वारा अबतक विचार नहीं किया गया है। जिसकी वजह से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी दो दिनों की हड़ताल पर चले गए हैं। अंबिकापुर शहर के नवापारा स्वास्थ्य केंद्र में विभिन्न प्रकार के जांचों के लिए पहुंचे मरीज व मरीज के परिजन बैरंग वापस लौट रहे हैं। वहीं कई मरीजों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य केंद्र की डा. शीला नेताम ने बताया कि हड़ताल पर चले जाने की वजह से परेशानी तो बढ़ गई है। लेकिन जैसे तैसे मरीजों को जांच सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। हड़ताल के मद्देनजर सीएमएचओ ने पूर्व में ही अधीनस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों को तैयारियां दुरुस्त रखने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके हड़ताल से नीचले स्तर पर स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हुई है।
सरगुजा सम्भाग में एनएचएम के कर्मचारी 22 व 23 जुलाई को सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों का कहना है कि पूर्व की सरकार द्वारा 16 जुलाई 2023 को आदेश जारी कर वेतन में 27 प्रतिशत के वृद्धि की घोषणा की गई थी। सरकार की घोषणा के एक साल बाद भी एनएचएम के कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिला है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ एनएचएम स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा समय समय पर कलेक्टर, विधायक, सीएम को पत्र लिखा गया लेकिन अब तक उनकी मांग पर पहल नहीं हुई। ऐसे में 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ लेने के लिए एनएचएम के कर्मचारियों ने 22 व 23 जुलाई को सामूहिक अवकाश लेकर रायपुर में ध्यानाकर्षण रैली व प्रदर्शन में भाग लेने रवाना हो चुके हैं। बड़ी बात यह है कि एनएचएम के अंतर्गत चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, सीएचओ डाटा एंट्री ऑपरेटर के साथ ही मलेरिया सहित अन्य विभागों में कर्मचारी व चिकित्सक काम करते है। इस हड़ताल को एड्स कंट्रोल प्रोग्राम का भी समर्थन मिला है ऐसे में दो दिवसीय हड़ताल से शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हुई हैं।